टेलिकॉम सेक्टर में जियो और एयरटेल की प्रतिद्वंदिता से सभी वाकिफ हैं, लेकिन अब क्लाउड सेवा बाजार पर अपना प्रभाव जमाने के लिए ये दोनों दिग्गज कंपनियां संघर्षरत दिखने वाली है। जियो और एयरटेल क्लाउड सेवा प्रदाता सूची में शामिल होने को बेचैन दिख रही हैं।
हांलाकि क्लाउड सेवा प्रदाता सूची में शामिल होना इनके लिए इतना आसान नहीं है, क्योंकि इस रेस में उन्हें माइक्रोसॉफ्ट, बीएसएनएल, आईबीएम, एचपी और अमेजन आदि से कड़ी टक्कर लेनी होगी। भारत सरकार राज्य और स्थानीय सरकारी निकायों को क्लाउड सेवा मुहैया कराने के लिए 15 फर्मों को शामिल करने के मूड में है।
इन 15 फर्मों से 7 फर्मों को इलेक्ट्रॉनिक व आईटी मंत्रालय पहले ही अपनी स्वीकृति दे चुका है। जिनमेें वेब वेर्क्स इंडिया, कंट्रोल्स डेटा सेंटर्स,एमेजॉन वेब सर्विसेज, सिफी टेक्नोलॉजिज, बीएसएनएल, नेट मैजिक आईटी सर्विसेज और ईएसडीएस सॉफ्टवेयर सॉल्युशंस का नाम शामिल है।
भारत अन्य सेक्टर्स के मुकाबले सबसे ज्यादा आईटी सेक्टर में खर्च करती है। नवंबर महीने में तकनीकी रिसर्च फर्म गार्टनर ने बयान दिया था कि साल 2018 में सरकार का आइटी खर्च 8.9 फीसदी इजाफे के साथ 8.5 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। क्लाउड सेवा को लेकर जियो और एयरटेल पहले से ही बुनियादा ढांचा तैयार कर चुकी हैं।
जियो ने इसके लिए 10 लाख वर्गफुट कैपसिटी वाले डेटा सेंटर बनाने की मंशा जताई है। फिलहाल जियो नवी मुंबई कैपस में इसका परिचालन हो रहा है। नेक्स्ट्रा डेटा अपनी बुनियादी ढांच पर इसका परिचालन आईएएएस क्लाउड के जरिए करती है। अपने सुरक्षित व मजबूत बुनियादी ढांचे के जरिए यह पब्लिक, प्राइवेट और क्लाउड की पेशकश अपने कस्टमर्स को करती है।
भारत सरकार ने एक महत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘जीआई क्लाउड’ आरंभ किया है जिसे ‘मेघराज’ नाम दिया गया है। मेघराज का लक्ष्य सरकारी ऐप को क्लाउड पर डालने के अतिरिक्त विभिन्न सरकारी विभागों में बतौर सेवा पेश करना है।