न्यूजीलैंड के दो मस्जिदों में हमले के बाद मुस्लिमों से एकजुटता दिखाने के लिए महिलाओं ने हिजाब पहना है। ऑकलैंड की एक डॉक्टर थाया आश्मान ने एक मुस्लिम महिला की आपबीती सुनने के बाद हिजाब पहनने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया था। वह महिला डर रही थी कि कही उसे आतंकवादी समझकर निशाना न बनाना चाहे।
रायटर्स के मुताबिक थाया आश्मान ने कहा कि “हम आपके साथ है। हम चाहते हैं कि आप अपनी गलियों में अपना घर जैसा महसूस करे। हम आपको प्यार, समर्थन और सम्मान करते हैं।” आश्मान के बाद काफी महिलाएं आएगी आयी और मुस्लिम महिलाओं के साथ एकजुटता के लिए हिजाब धारण किया और अपनी तस्वीरों को सोशल मीडिया पर साझा की थी।
Our Police, our Prime Minister, Our News Anchors and many others were in the Hijab today. The Islamic call to prayer was on all the tv and radio stations before the minutes silence. This is my New Zealand. This is my Aotearoa. #thisismynewzealand #christchurch #JacindaArdern pic.twitter.com/FjT8z0UWGx
— Craig Arnold (@craig_m_arnold) March 22, 2019
ऑकलैंड, वेलिंग्टन और क्रिस्टचर्च की महिलाओं ने हिजाब पहने हुए अपनी तस्वीरें पोस्ट की और कई महिलाओं ने अपने बच्चों को भी हिजाब पहनाया था। न्यूज़ीलैंड के सैकड़ों लोगों ने क्रिस्टचर्च के पार्क में अल नूर मस्जिद के समक्ष दुआएं मांगी। इस पहल को कई लोगों ने सराहा है जबकि आलोचकों का कहना है कि हिजाब महिलाओं को दबाने का प्रतिक है।न्यूज़ीलैंड के कई ऐंकरों ने न्यूज़ पढ़ते वक्त हिजाब पहन रखा था।
This is exactly how wound collectors exploit a tragedy to press their agenda, in this case to put a hijab on every woman in New Zealand. This is a terrible idea. #freefromhijab @freefromhijab https://t.co/Dg72pQYU0T
— Asra Q. Nomani 🐾 (@AsraNomani) March 20, 2019
न्यूज़ीलैंड की प्रधनमंत्री जारिका एर्देन ने मुस्लिम समुदाय के सदस्यों से मुलाकात के वक्त काले रंग का हिजाफ पहना रखा था, जिसकी काफी सराहना की गयी थी। क्रिस्टचर्च के परिसर में ड्यूटी पर तैनात महिला ने भी हिजाब पहन रखा था।
इस अभियान को न्यूज़ीलैंड में काफी समर्थन मिला है और इस्लामिक विमेंस कॉउन्सिल और न्यूज़ीलैंड मुस्लिम असोसिएशन ने इसे सराहा है। एक मुस्लिम महिला द्वारा ऑनलाइन लिखे कॉलम में इस अभियान को घटिया कहा गया है और कहा कि क्रिस्टचर्च पर हुआ हमला सिर्फ मुस्लिमों के खिलाफ नहीं है बल्कि सभी रंगों के लिए है, जिन्हे एक व्हाइट कंट्री में निशाना बनाया गया है। पूर्व पत्रकार और अब वांशिगटन में प्रोफेसर आसरा नोमानी ने मुस्लिम महिलाओं से हिजाब न पहनने का आग्रह किया था। इन्होने मुस्लिमों के सुधार के लिए कई अभियानों को शुरू किया था।