विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने गुरुवार को यह सूचित करते हुए कहा कि “डेल्टाक्रोन”, जो पता चलता है कि डेल्टा और ओमिक्रोन संयुक्त है, वास्तव में कोई वैरिएंट है ही नहीं।
मारिया वान करखोवै, विश्व स्वास्थ्य संगठन की एपिडेमीओलॉजिस्ट का कहना है,”वास्तव में, हमें लगता है कि यह डेल्टाक्रोन, संदूषण का परिणाम है जो सिक्वेंसिंग कि प्रक्रिया के दौरान हुआ है।”
हालांकि, उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि एक व्यक्ति के लिए SARS-CoV-2 के विभिन्न वेरिएंट से संक्रमित होना संभव है । विश्व स्वास्थ्य संगठन के तकनीकी नेतृत्व ने यह भी कहा कि अभी तक कॉ-इनफेक्शन के मामले भी आये हैं , जिसमें लोग इस महामारी के दौरान इन्फ्लूएंजा और कोविड-19 दोनों से संक्रमित थे ।
कुछ दिन पहले, “फ्लोरोना” या “फ्लोरोन” वायरस की रिपोर्ट उभर रही थी, जो फ्लू और कोविड-19 के वायरस का संयोजन है परन्तु विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह दवा ठुकरा दिया।
Jumping in late here: Let’s not use words like deltacron, flurona or flurone. Please 🙏
These words imply combination of viruses/variants & this is not happening. “Deltacron” is likely contamination during sequencing, #SARSCoV2 continues to evolve & see flu co-infection🧵below. https://t.co/rNuoLwgCzN
— Maria Van Kerkhove (@mvankerkhove) January 10, 2022
केरखोव ने ट्वीट करते हुए कहा,”डेल्टाक्रोन, फ्लूरोना या फ्लोरोन जैसे शब्दों का उपयोग नहीं करें|” उन्होंने कहा,”ये शब्द वायरस/वेरिएंट के संयोजन का संकेत देते हैं परन्तु ऐसा कुछ भी नहीं है।”