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    श्रीलंका में राजनितिक संकट

    श्रीलंका में राजनीतिक संकट के मध्य महिंदा राजपक्षे के मंत्रिमडल समूह ने शपथ ग्रहण कर ली है। हाल ही में सत्ता में उलटफेर कर देश के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना ने रनिल विक्रमसिंघे को बर्खास्त कर महिंदा राजपक्षे को प्रधानमन्त्री की गद्दी सौंप दी थी।

    साल 2005 में श्रीलंका के रक्षा सचिव और राष्ट्रपति के भाई गोटाभाया राजपक्षे ने बताया कि उनके मन में मंत्री बनने की लालसा नहीं है। हालांकि काफी लोग मुझे राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल कर रहे हैं. श्रीलंका में परिवार के सदस्यों को अहम मंत्रालय सौंपना आम बात है। महिंदा राजपक्षे और उनके परिवार को साल 2005-15 तक सात में राज करने के बाद जनता ने नापसंद कर दिया था। लेकिन अब वे वापसी को तैयार है।

    श्रीलंका के कार्यकर्ता सत्ता परिवर्तन से चिंतित है उनके मुताबिक हिंसा हो सकती है। शायद एक बार फिर श्रीलंका का झुकाव चीन की तरफ होगा। जानकारों ने कहा कि चीन अपने पिछले अनुभवों से सीख चुका है। हालांकि बीजिंग सत्ता में परिवर्तन को लेकर खुश है।

    श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री की कुर्सी सौंपने के तरीके को गैरकानूनी बताया और पद से इस्तीफा देने को इनकार कर दिया था। हालांकि महिंदा राजपक्षे ने वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाल लिया है और सलाहकारों के साथ अगले साल के वित्त बजट को लेकर चर्चा कर रहे हैं।

    साल 2009 में हुए मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों को महिंदा राजपक्षे और उसके परिवार ने स्वीकारने से इनकार कर दिया था। मानवाधिकार कार्यकर्ता ने कहा कि वे अब फिर से मानवाधिकार का उल्लंघन जारी रखेंगे।

    गोटाभाया राजपक्षे ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय समूदाय श्रीलंका के विवाद से पूर्णत सहमत नहीं है। उन्होंने कहा कि श्रीलंका या कोई अन्य देश युद्ध का मैदान नहीं बनना चाहता है और यह बहुत बुरी चीज़ है. उन्होंने कहा कि हम युद्ध का अंत चाहते हैं। राजपक्षे ने इनकार किया कि कर्ज का भुगतान करने के लिए दोबारा चीन की तरफ जायेगा।

    उन्होंने कहा कि उन सबके साथ काम करने को तैयार है जो हमारे साथ कार्य करेगा। हालांकि महिंदा राजपक्षे आर्थिक विपदा से निपटने के लिए कार्य करेंगे। रनिल विक्रमसिंघे ने कहा कि बिना वैधता का कैसे कर्ज का भुगतान करोगे। उन्होंने कहा संवैधानिक संकट आर्थिक विपदा के लिए काफी है।

    गोटाभाया राजपक्षे ने बताया कि हमारा मकसद देश में आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्थिरता को बनाये रखना है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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