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    भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग को तेज करते हुए 1 मई से वैक्सीनेशन का दायर बढ़ रहा है। राज्य सरकारों और प्राइवेट अस्पतालों को वैक्सीन कितने रुपए में मिलेगी, इसका ऐलान हो गया है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने राज्यों और प्राइवेट अस्पतालों के लिए वैक्सीन के एक डोज की कीमत तय कर दी है, जिसके मुताबिक, कोविशील्ड की एक खुराक प्राइवेट अस्पताल में जहां 600 रुपए में मिलेगी, वहीं सरकारी अस्पताल में इसकी कीमत 400 रुपए होगी। यानी सरकारी अस्पताल में 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोग 400 रुपए देकर तो प्राइवेट अस्पताल में 600 रुपए देकर वैक्सीन लगवा सकते हैं।

    राज्यों के लिए वैक्सीन के दाम 400 रुपए होंगे और केंद्र को पहले की ही तरह ये वैक्सीन 150 रुपए में मिलती रहेगी। सीरम ने कहा कि अगले दो महीने में वैक्सीन का प्रोडक्शन बढ़ाया जाएगा। अभी जितनी वैक्सीन प्रोड्यूस होती हैं, उसमें 50% वैक्सीन केंद्र के वैक्सीनेशन प्रोग्राम के लिए भेजी जाती हैं। बची हुई 50% वैक्सीन राज्यों और प्राइवेट अस्पतालों को भेजी जाती है।

    वैक्सीन 70% इफेक्टिव

    कोवीशील्ड हाफ डोज दिया गया तो इफिकेसी 90% रही। एक महीने बाद फुल डोज में इफिकेसी 62% रही। दोनों तरह के डोज में औसत इफिकेसी 70% रही। ब्रिटिश रेगुलेटर्स ने इसे 80% तक इफेक्टिव माना है।

    कई देशों में वैक्सीन यूज हो रही

    कोवीशील्ड वैक्सीन को सबसे पहले यूके मेडिसिंस एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी ने 29 दिसंबर को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी थी। इसके बाद भारत, ब्राजील, अर्जेंटीना, डोमिनिकन रिपब्लिक, अल सल्वाडोर, मैक्सिको, मोरक्को, यूरोपीयन मेडिसिंस एजेंसी भी इसे अप्रूवल दे चुकी हैं।

    एक मई से 18 साल के ऊपर के लोगों का भी टीकाकरण

    इससे पहले केंद्र सरकार ने सोमवार देर शाम फैसला लिया कि 18 वर्ष और इससे ज्यादा उम्र के लोगों को 1 मई, यानी श्रम दिवस से वैक्सीनेट किया जाएगा। फिलहाल देश में 45 और इससे ज्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीन के डोज लगाए जा रहे हैं।

    पीएम नरेंद्र मोदी की देश के शीर्ष डॉक्टरों के साथ विचार मंथन के बाद यह फैसला लिया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार बीते एक साल से प्रयास कर रही है कि देश में ज्यादा से ज्यादा भारतीयों को कम से कम समय में वैक्सीन दी जा सके। इस मीटिंग में घरेलू कंपनियों को वैक्सीन के अधिक उत्पादन के लिए प्रेरित करने की बात कही गई है। इसके अलावा अन्य भारतीय और विदेशी वैक्सीन्स को भी मंजूरी देने की बात शामिल है।

    इस मीटिंग में एक अहम फैसला यह भी हुआ है कि वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां अपने कुल उत्पादन का 50 फीसदी हिस्सा राज्य सरकारों को देंगी, जबकि आधी खेप खुले बाजार में पहले से तय कीमत पर बेच सकेंगी। यही नहीं राज्य सरकारें अपनी जरूरत के हिसाब से सीधे कंपनियों से वैक्सीन की खरीद कर सकती हैं। इसके अलावा राज्य सरकार ने एक बात और साफ कही है कि पहले से तय प्राथमिकता समूह के लोगों का वैक्सीनेशन जारी रहेगा। फिलहाल 45 साल से अधिक आयु के लोगों को सरकारी केंद्रों और निजी अस्पतालों में टीका लग रहा है।

    अब तक 13.01 करोड़ डोज दिए गए

    देश में 21 अप्रैल की सुबह 7 बजे तक 13.01 करोड़ डोज दिए जा चुके हैं। इनमें 11.16 करोड़ पहले डोज हैं, जबकि 1.84 करोड़ दूसरे डोज। जनगणना के आंकड़ों के अनुसार हेल्थकेयर, फ्रंटलाइन वर्कर्स और देश की पूरी 45+ आबादी को वैक्सीनेट करने के लिए अभी करीब 45 करोड़ वैक्सीन डोज और चाहिए।

    By आदित्य सिंह

    दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास का छात्र। खासतौर पर इतिहास, साहित्य और राजनीति में रुचि।

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