Fri. Nov 22nd, 2024
    केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई)

    भारत में शिक्षा को लेकर एक अलग महत्व है। गरीब से गरीब व्यक्ति भी यही चाहता है की उसके बच्चे को एक अच्छी शिक्षा हासिल हो जिसके ज़रिये वह अपने बल पर खड़ा हो सके। इसी को लेकर सरकार तमाम प्रयास करती है की देश में शिक्षा का स्तर अच्छा रहे एवं हर शख़्स शिक्षित हो एवं देश की उन्नति में अपना योगदान दे सके। अभी हाल ही में इसी को लेकर शिक्षा के क्षेत्र में काफी बदलाव भी किये गए है।

    अभी हाल ही में होमवर्क के विषय को लेकर भी काफी बहस दिखी। हाल ही में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने अपने एक नए प्रावधान में कहा था कि कक्षा 1 और 2 के विद्यार्थियों के लिए नो होमवर्क पालिसी अपनाई जाएगी यानी उन्हें स्कूल की तरफ से कोई भी ग्रह कार्य नहीं मिलेगा। इसी को लेकर मद्रास हाई कोर्ट ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को आदेश दिया कि वो एनसीईआरटी द्वारा सुझाए गए सिलेबस को ही सीबीएसई में लागू करें एवं कहा कि जो संस्थान बोर्ड की नो होमवर्क पालिसी का पालन नहीं कर रहे है उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो। कोर्ट की सुनवाई में जस्टिस किरुबाकरन ने कहा कि नो होमवर्क एवं नो बैग पॉलिसी के उलंघन से निबटने के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के पास इसकी जांच को लेकर कोई प्रमुख सिस्टम नहीं है।

    इसके जवाब में बोर्ड के वकील ने जज के सामने कहा कि, ‘जब भी इस नियम के उल्लंघन के बारे में जानकारी मिलेगी, सीबीएसई कार्रवाई करेगा।’ मतलबकुछ होने पर ही बोर्ड इसकी तैयारी करेगा। वकील के इस जवाब से जस्टिस किरुबाकरन भी संतुष्ट नहीं दिखे। अब देखना यह होगा की क्या केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) इसके उपलक्ष में क्या कदम लेता है एवं कोर्ट के आदेश का पालन करता है या नहीं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *