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    कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच आज मोदी सरकार ने कोरोना टीकाकरण को लेकर बड़ा फैसला लिया। इसके मुताबिक, एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाई जाएगी। बता दें कि सभी को कोरोना वैक्सीन दिए जाने की मांग उठ रही थी. इस बीच मोदी सरकार ने 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन दिए जाने का फैसला लिया है. यह टीकाकरण का तीसरा चरण होगा।

    पहले चरण के तहत फ्रंट लाइन वर्कर्स और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन देने की इजाजत दी गई थी। उसके बाद दूसरे चरण में 45 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। केंद्र सरकार ने कहा कि विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण में टीकों की खरीद और टीका लगवाने की पात्रता में ढील दी जा रही है। बयान में कहा गया है कि टीका निर्माताओं को उत्पादन और बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन दिये जा रहे हैं।

    वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आज प्रमुख डॉक्टरों के साथ बैठक में कहा कि विड-19 से लड़ाई में टीकाकरण सबसे बड़ा हथियार है। उन्होंने डॉक्टरों से अधिक से अधिक लोगों को टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहित करने को कहा। पीएम ने कहा कि महत्वपूर्ण बात है कि लोग टीका लेने से घबराएं नहीं।

    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में 92 दिन में टीके की 12 करोड़ खुराकें लगाई गई है. मंत्रालय ने कहा कि कुल 12,26,22,590 खुराकें लगाई गईं. लाभार्थियों में स्वास्थ्य क्षेत्र के 91,28,146 कर्मी शामिल हैं जिन्हें टीके की पहली खुराक दी गई और 57,08,223 वे स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं जिन्हें दूसरी खुराक दी गई।

    बता दें कि देश में इस समय भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वोविशील्ड लोगों को दी जा रही है। हाल ही में सरकार ने रूस की स्पूतनिक वैक्सीन को मंजूरी दी है।

    प्राथमिकता वाले समूहों को पहले की तरह फ्री वैक्सीन जारी रहेगी यानी हेल्थकेयर वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 45 साल की उम्र के सभी लोगों के लिए सरकारी अस्पतालों में कोरोना का टीका मुफ्त होगा। तीसरे चरण में टीकों की खरीदारी के नियमों में ढील दी गई है।

    राज्यों को अब सीधे वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों से अतिरिक्त खुराक लेने का अधिकार होगा।राज्य तय कर सकते हैं कि 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए टीकाकरण खोलें या कैटिगरी बनाकर। सरकार वैक्सीन निर्माताओं को प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करेगी।वैक्सीन निर्माता अब अपनी सप्लाई की कुल क्षमता के 50 प्रतिशत तक को पहले से घोषित कीमतों पर राज्य सरकारों और खुले बाजार में को भेज सकेंगी। रूसी वैक्सीन स्पूतनिक V का भी भारत में निर्माण होगा, अभी यह बाहर बन रही है।

    By आदित्य सिंह

    दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास का छात्र। खासतौर पर इतिहास, साहित्य और राजनीति में रुचि।

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