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    बिहार में कोरोनावायरस को लेकर अब एहतियात बरतने को लेकर तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं। स्वास्थ्य विभाग ने नेपाल से बिहार आने वाले सात मार्गो पर स्वास्थ्य शिविर लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा सभी जिलों में कोरोनावायरस का संदिग्ध मरीज मिलने की स्थिति के लिए एडवायजरी जारी की गई है।

    बिहार स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव मनोज कुमार ने नेपाल के सीमावर्ती जिलों सीतामढ़ी, किशनगंज, अररिया, सुपौल, मधुबनी, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण में बॉर्डर अथॉरिटी से समन्वय स्थापित कर मेडिकल कैंप लगाने का निर्देश दिया है। खास तौर पर जोगबनी, फारबिसगंज और रक्सौल के प्रवेश द्वार पर विशेष निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है।

    इस क्रम में नेपाल से आने वाले सभी यात्रियों पर ध्यान दिया जाएगा तथा कोरोनावायरस के लक्षण पाए जाने पर तत्काल इलाज उपलब्ध कराया जाएगा।

    विभाग के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि राज्य में अब तक कोरोनावायरस के दो संदिग्ध मरीज मिले हैं, जिन्हें निगरानी में रखा गया है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस वायरस से संबंधित एडवाइजरी पहले ही आमजनों के लिए जारी कर दी गई है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों में दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करवाई है।

    उन्होंने बताया कि कोरोनावायरस को लेकर सभी जिलों के जिलाधिकारी को ग्रामसभा की बैठक कर स्वास्थ्यकर्मियों को हालात पर नजर रखने एवं समीक्षा करने का निर्देश दिया गया है। हवाईअड्डा प्राधिकरण द्वारा पीड़ित देशों से आने वाले सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग के जरिए जांच की जा रही है।

    उल्लेखनीय है कि चीन से बिहार के छपरा स्थित अपने घर लौटी छात्रा में कोरोनावायरस की आशंका के बाद उसे पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में भर्ती कराया गया है और उस पर स्वास्थ्य विभाग निगरानी रखे हुए हैं।

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