कोरोना के हालात को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने इस साल चार धाम यात्रा रद्द कर दी है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा है कि चारों मंदिरों में सिर्फ पुजारी पूजा और इससे जुड़ी परंपराएं पूरी करेंगे।
मई में शुरू होनी थी यात्रा
चार धामों में शामिल केदारनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए 17 मई को जबकि बद्रीनाथ धाम के कपाट 18 मई को खुलने थे। वहीं गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट 14 मई को खुलने थे। चारधाम यात्रा को लेकर इस बार काफी उत्साह देखा जा रहा था, क्योंकि पिछले साल भी कोरोना संकट के चलते यात्रा रद्द कर दी गई थी। इस बार सख्त कोरोना प्रोटोकॉल रखते हुए एडवांस बुकिंग की गई थी।
चारधाम यात्रा को लेकर गुरुवार को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बैठक बुलाई थी, जिसमें पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज भी मौजूद रहे। इस बैठक में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलाें को देखते हुए 2021 में चारधाम यात्रा को स्थगित करने का फैसला लिया गया। मंदिरों में पूर्जा-अर्चना होगी, लेकिन किसी भी श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति नहीं होगी।
देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ.हरीश गौड़ ने बताया कि मई में शुरू होने वाली चारधाम यात्रा को लेकर सरकार की फैसला लिया गया है। आज गुरुवार को उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के सभागार में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में बैठक की गई।
इसमें देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन, अपर सचिव पर्यटन जुगल किशोर पंत, बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह, अपर निदेेशक विवेक चौहान के अलावा चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों के डीएम व एसपी भी मौजूद रहे।
उत्तराखंड में कोरोना की स्थिति बिगड़ी
हाल ही में उत्तराखंड में कुंभ का आयोजन हुआ था, जिसके बाद प्रदेश में अचानक संक्रमण में तेजी दर्ज हुई। प्रधानमंत्री के आग्रह पर प्रमुख अखाड़ों ने समय से पूर्व ही वापस जाने का ऐलान किया। इसी को देखते हुए प्रदेश सरकार ने चारधाम यात्रा को भी स्थगित करने का फैसला लिया। कुंभ की समाप्ति के साथ ही हरिद्वार में कुछ जगहों पर 5 मई तक कर्फ्यू का ऐलान किया गया है। इसके साथ ही लक्सर , रुड़की, भगवान पुर में भी कोरोना कर्फ्यू लगा है। फिलहाल प्रदेश में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 1.6 लाख के पार पहुंच गये हैं। वहीं मरने वालों का आंकड़ा 2 हजार के पार पहुंच गया है। फिलहाल प्रदेश में सक्रिय मामले 43 हजार से ज्यादा है। कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राजधानी देहरादून है, जिसके बाद हरिद्वार और नैनीताल का नंबर है।