अन्नाद्रमुक के पूर्व सांसद के. सी. पलानीस्वामी को कथित तौर पर अन्नाद्रमुक की एक वेबसाइट चलाने के मामले में शुक्रवार सुबह को कोयंबटूर स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया है।
अन्नाद्रमुक पार्टी के संस्थापक एम. जी रामचंद्रन के दिनों से पार्टी के सदस्य रहे पलनीस्वामी को 2018 में यह कहने के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था कि कावेरी प्रबंधन बोर्ड का गठन नहीं होने पर पार्टी भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन कर सकती है।
पलनीस्वामी ने सुलूर पुलिस थाने से आईएएनएस को फोन पर बताया, “इस वेबसाइट की शुरुआत वी. के. शशिकला का विरोध करने के लिए साल 2017 में की गई थी। किसी ने मुझसे कहा था कि लोगों को अन्नाद्रमुक का सदस्य बनने और वेबसाइट के माध्यम से दो पत्तियों को वोट देने के लिए कहना अपराध माना गया है और अब कार्रवाई हुई है।”
उन्होंने कहा कि वेबसाइट की शुरुआत पार्टी महासचिव के चुनाव के लिए हुई थी।
उनके अनुसार, पार्टी से उनके निष्कासन को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है, और मामले पर अगले महीने की शुरुआत में सुनवाई होने वाली है।
पलनीस्वामी ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि वह ही वास्तविक अन्नाद्रमुक हैं और वह हमेशा से पार्टी के महासचिव चुने गए हैं।
पलनीस्वामी शशिकला के विरोधी थे। जब शशिकला के खिलाफ विरोध शुरू हुआ था, तब वह अन्नाद्रमुक के कॉर्डिनेटर और उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम के पक्ष में थे।