कोटक महिंद्रा ने अपनी डिजिटल बैंक अकाउंट सुविधा 811 को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। कोटक महिंद्रा की 811 सुविधा ग्राहकों को डिजिटल बचत खाता खोलने की सुविधा उपलब्ध कराती थी।
कोटक महिंद्रा ने यह कदम आधार को लेकर हाल ही आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उठाया है। सुप्रीम कोर्ट ने आधार की वैधता पर सुनवाई करते हुए एक ओर जहां आधार को वैध करार दिया था, वहीं दूसरी ओर निजी कंपनियों द्वारा आधार की मांग को गैर जरूरी करार दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि कोई भी निजी कंपनी ग्राहक का आधार अनिवार्य रूप से नहीं मांग सकती है।
इसी के चलते कोटक महिंद्रा ने अभी तक आधार पर आधारित ग्राहकों की जरूरी पहचान व केवाईसी जैसी सुविधाओं के लिए विकल्प के खोजे जाने तक अपनी डिजिटल अकाउंट सुविधा 811 को अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया है।
वहीं केवाईसी (नो योर कस्टमर) सुविधा के तहत ग्राहक से आधार समेत कुल छः पहचान पत्र में से कोई एक लेने का आदेश दिया था। कोर्ट ने अपने आदेश में पैन कार्ड के लिए आधार की अनिवार्यतः को बरकरार रखा था।
इसी के तहत अब कोटक महिंद्रा किसी ऐसे विकल्प की तलाश में है, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना न करे।
कोटक महिंद्रा ने अपनी यह स्कीम मार्च 2017 में लॉंच की थी। कोटक ने इस स्कीम को ‘811’ नाम नोटबंदी के दिन(8 नवंबर) को देखते हुए दिया था। इस योजना का लक्ष्य डिजिटल करेंसी की तरफ तेज़ी से बढ़ना है।
अभी तक कोटक द्वारा आधार के जरिये ही केवाईसी की प्रक्रिया पूरी की जा रही थी, इसे ई-केवाईसी नाम दिया गया था। इसके तहत ग्राहक के आधार में रजिस्टर्ड नंबर पर ओटीपी भेजा जाता था, जिसके द्वारा ग्राहक की केवाईसी प्रक्रिया को पूरा किया जाता था।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफ तौर पर कहा था कि कोई भी बैंक ग्राहक के पास आधार न होने की दशा में उसका अकाउंट खोलने से माना नहीं कर सकती है।