इस साल विश्व चैंपियनशिप में खिताब जीतकर इतिहास रचने वाली भारतीय महिला बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु की पूर्व कोच किम जी ह्यून ने आरोप लगाया है कि सिंधु संवदेनहीन इंसान हैं। सिंधु ने ह्यून की कोचिंग में ही इस साल स्विट्जरलैंड के बासेल में आयोजित विश्व चैंपियनशिप खिताब जीता था। इसके बाद हालांकि अपने बीमार पति की देखरेख का हवाला देकर ह्यून स्वदेश लौट गई थीं।
ह्यून ने एक कोरियन यू ट्यूब चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा है कि वह सिंधु से बहुत नाराज हैं। पूर्व कोच ने कहा कि ओलंपिक रजत पदक विजेता सिंधु बेहद संवेदनहीन इंसान हैं क्योंकि विश्व चैम्पियनशिप के लिए बासेल पहुंचने केबाद जब वह बीमार पड़ी थीं तो सिंधु उन्हें देखने तक भी नहीं आईं और ना ही उनका हालचाल जानने की कोशिश की।
ह्यून ने कहा, “मैंने सिंधु को निजी रूप से भी काफी ट्रेनिंग दी है। वह बेहद शक्तिशाली है और शानदार प्रदर्शन करती हैं, लेकिन उनके (सिंधु) पास ज्यादा कौशल नहीं है। विश्व चैंपियनशिप से ठीक पहले मैं बुरी तरह से बीमार पड़ गई थी। मैं अस्पताल गई, जहां मुझे पांच बार इंजेक्शन लगे। लेकिन कोई भी मुझे देखने तक नहीं आया।”
सिंधु को विश्व खिताब जिताने में ह्यून का काफी अहम योगदान रहा था। यहां तक कि राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद ने भी माना था कि सिंधु को एक बेहतर खिलाड़ी बनाने में ह्यून का काफी अहम योगदान रहा है। विश्व चैम्पियनशिप के बाद भारत में ह्यून के योगदान को सराहा गया था।
पूर्व कोच ने आगे कहा, “सिंधु ने केवल मुझसे फोन पर इतना पूछा कि ‘आप मुझे कोचिंग देने कब आ रही हो? इसलिए, मैंने सोचा कि वह (सिंधु) बेहद संवेदनहीन है और उसे तभी मेरी जरूरत पड़ती है जब वह ट्रेनिंग कर रही होती हैं।”
विश्व चैम्पियनशिप के बाद भारत लौटने के बाद ह्यून कुछ समय ही सिंधु के साथ रहीं और फिर निजी कारणों का हवाला देकर स्वदेश लौट गईं। इसके बाद ह्यून भारतीय कैम्प में नहीं लौटीं। ह्यून की गैरमौजूदगी में सिंधु का प्रदर्शन लगातार गिरता गया और वह साल खत्म होने तक एक भी टूर्नामेंट नहीं जीत सकीं।
इस बीच, सिंधु के पिता पीवी रमन, जोकि खुद एक पूर्व इंटरनेशनल वॉलीबॉल खिलाड़ी रह चुके हैं, ने अपनी बेटी का बचाव किया है। रमन ने अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, “हमें इस बारे में पता नहीं था कि ह्यून बीमार हैं। ना ही किसी ने सिंधु को उनके बारे में जानकारी दी गई। जब ह्यून सिंधु को कोचिंग देने के लिए नहीं आईं तो सिंधु ने उन्हें फोन किया और पूछा कि वे कब आएंगी। मुझे पूरा विश्चवास है कि अगर सिंधु को उनकी बीमार होने के बारे में पता चलता तो वह जरूर अस्पताल जातीं।”
रमन ने कहा कि ह्यून यह भूल रही हैं कि सिंधु ने विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीतने के बाद इसका श्रेय उन्हें ही दिया था। सिंधु के पिता ने कहा, “मेरी बेटी ने खिताबी जीत का पूरा श्रेय उन्हें (ह्यून) को दिया है। जब भी मेरी बेटी कोई खिताब जीतती हैं तो वह किम के योगदान को नहीं भूलती हैं। लेकिन यह निराशाजनक है कि ये सब हो रहा है।”
विश्व चैम्पियनशि को छोड़ दिया जाए तो साल 2019 सिंधु के लिए काफी निराशाजनक रहा। इस साल सिंधु ऑल इंग्लैंड ओपन में पहले दौर में, इंडिया ओपन में सेमीफाइनल में, मलेशिया ओपन में दूसरे दौर में, सिंगापुर ओपन में सेमीफाइनल में, इंडोनेशिया ओपन में फाइनल में, आस्ट्रेलियन ओपन में दूसरे दौर में, जापान ओपन में क्वार्टर फाइनल में, चीन और डेनमार्क ओपन में दूसरे दौर में, कोरिया और चीन ओपन में पहले दौर में और इंडोनेशिया मास्टर्स में क्वार्टर फाइनल में हार गई थीं।