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    cognitive computing in hindi

    विषय-सूचि

    कोग्निटिव कम्प्यूटिंग का मतलब (Cognitive computing meaning in hindi)

    इसे हम संज्ञानात्मक कंप्यूटिंग भी बोलते हैं। संज्ञानात्मक कंप्यूटिंग एक तरह से संज्ञानात्मक साइन्स और लोगों के दिमाग का अध्ययन है और यह दोनों कैसे कार्य करते हैं उसके बारे में भी बताता है।

    कंप्यूटर साइन्स, और उसका परिणाम हमारे निजी जीवन, स्वास्थ्य देखभाल, व्यापार आदि पर कैसे प्रभावी होते हैं यह सब भी इसी के द्वारा बताया जाता है।

    कंप्यूटर की भाषा में आर्टिफ़िश्यल इंटेलिजेंस कंप्यूटिंग का एक बहुत ही दुर का लक्ष्य है, लेकिन हम नए संज्ञानात्मक कंप्यूटिंग मॉडल के साथ पहले से ज्यादा पास आ रहे हैं और आने वाले समय में हम इसपर पूरी तरह से निर्भर होंगे।

    कोग्निटिव कम्प्यूटिंग क्या है (what is cognitive computing in hindi)

    संज्ञानात्मक कंप्यूटिंग का लक्ष्य लोगों द्वारा बनाई गयी चीजों को कम्प्युटर से मिले झूले मोडलों में बदलना है। ड़ाटा माइनिंग, पैटर्न की पहचान करना और प्राकृतिक भाषा का उपयोग करने वाले स्वयं सीखे सिखाये एल्गॉरिथ्म का उपयोग करके, कंप्यूटर मानव मस्तिष्क के तरीके की नकल कर सकता है इसको कोग्निटिव कम्प्यूटिंग बखूबी समझाता है।

    कुछ लोग कहते हैं कि संज्ञानात्मक कंप्यूटिंग, कंप्यूटिंग की तीसरी पीड़ी का प्रतिनिधित्व करता है। जबकि कंप्यूटर दशकों से इंसानों की तुलना में गणना और नए आविष्कार करने में तेजी से चल रहे हैं, लेकिन वे उन कार्यों को पूरा करने में सक्षम नहीं हैं जो मनुष्यों को सरल भाषा के रूप में, प्राकृतिक भाषा को समझने के लिए सरल मानते हैं। 

    कोग्निटिव कम्प्यूटिंग के तरीके और फायदे (use of cognitive computing in hindi)

    उदाहरण के तौर पर हम इसे इस तरह समझ सकते हैं की हमने इसे किसी के स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए इसको किसी सिस्टम में डाला, फिर इसने रोगी के इतिहास को पढ़ा, सर्वोत्तम आदतों को देखा और इलाज़ करने वाले उपकरणों आदि के साथ साथ आसपास के ज्ञान की अवधि को एक साथ करने का कार्य किया। उसके बाद उस विशाल मात्रा में जानकारी की छान बिन की और हमें इसका विश्लेषण करके दिया जिससे की हम इसे आसानी से समझ सकें।

    इसके बाद इसकी मदद से डॉक्टर सही से इलाज़ का निर्णय लेने के लिए रोगी की अभी की हालत और इतिहास सहित बड़ी संख्या में कारकों के आधार पर इलाज़ के तरीकों को देख सकता है। दूसरे शब्दों में, इसका मतलब डॉक्टर को हटाना नहीं है, लेकिन उस विशाल मात्रा में ड़ाटा को एक साथ करके डॉक्टर की क्षमताओं को बढ़ाना है, जो कोई भी आदमी उचित रूप से संसाधित और इसे सही से रख सकता है, उसे ही ये काम दिया जाता है।

    इन प्रणालियों को उपभोक्ता के व्यवहार का विश्लेषण, शॉपिंग बॉट, उपभोक्ता हेल्प लाइन, ट्रैवल एजेंट, शिक्षक, सुरक्षा आदि व्यवसायों के अन्य क्षेत्रों में भी लागू किया जा सकता है। हिल्टन होटल ने हाल ही में पहला कंसीयज रोबोट, कॉनी शुरू किया, जो की प्राकृतिक भाषा में होटल, स्थानीय आकर्षण वाली जगह और रैस्टोरेंट के बारे में सवालों के जवाब दे सकता है। इस तरह की प्रक्रिया किसी भी क्षेत्र के लिए की जा सकती है जिसमें बड़ी मात्रा में ड़ाटा को सही से रखने और सुरक्षित रखना होता है और इसका वित्त, कानून और शिक्षा सहित समस्याओं को हल करने के लिए विश्लेषण किया जाना चाहिए।

    लेकिन वह समय भी दुर नहीं है जब हम भविष्य में अपने फोन, कम्प्युटर, कारों, और हमारे स्मार्ट घरों को संबोधित करने में सक्षम होंगे और प्री प्रोग्राम किए गए एक के बजाय वास्तविक, विचारों वाली प्रतिक्रिया प्राप्त करेंगे। जैसे जैसे कंप्यूटर मनुष्यों की तरह सोचने में अधिक सक्षम हो जाते हैं, वे हमारी क्षमताओं और ज्ञान का भी विस्तार करने में सक्षम हो जाते हैं।

    जैसे ही विज्ञान कथा फिल्मों के नायक सटीक भविष्यवाणियां करने, ड़ाटा एक साथ करने और निष्कर्ष निकालने के लिए अपने कंप्यूटर पर भरोसा करते हैं, इसलिए इस तरह से हम एक युग में चले जाएंगे जब कम्प्युटर पूरी तरह से नए तरीकों से मानव ज्ञान और जीवन की सरलता को बढ़ा सकेंगे।

    इस विषय से सम्बंधित यदि आपका कोई सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

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