इस शुक्रवार टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (TRAI) ने संसद में जानकारी दी है की ऐसी टेलिकॉम कंपनियां जोकि कॉल ड्राप की समस्याओं को दूर करने में असफल रही हैं उनपर दूरसंचार विभाग ने इस साल की पहली छमाही में कुल 56 लाख का जुर्माना लगाया है।
टाटा टेलीसर्विसेज पर लगा सबसे बड़ा जुर्माना:
कॉल ड्राप एवं सर्विस क्वालिटी मानकों को पूरा ना कर पाने के सन्दर्भ में टाटा की टेलीसर्विसेज पर कुल 22 लाख का जुर्माना लगाया गया है। यह दुसरे दूरसंचार कंपनियों पर लगे जुर्माने से कहीं बड़ा है। टेलिकॉम मंत्री मनोज सिन्हा द्वारा राज्य सभा में पेश डेटा के मुताबिक, सर्वाधिक 22 लाख रुपये का जुर्माना टाटा टेलिसर्विसेज पर लगाया गया, जो भारती एयरटेल के साथ मर्जर प्रोसेस में है।
आईडिया एवं बीएसएनएल पर भी लगाया जुर्माना :
TRAI ने आईडिया सेलुलर एवं बीएसएनएल को भी जनवरी-मार्च एवं अप्रैल-जून की तिमाही में पाया की ये कंपनियां भी कॉल ड्राप बेंचमार्क को पूरा नहीं कर पा रही है। इसके चलते TRAI के निर्णायक ने आईडिया पर पहली एवं दूसरी तिमाही में क्रमश 10 लाख एवं 12 लाख का जुर्माना लगाया। इसके साथ ही निर्णायक ने बीएसएनएल पर पहली एवं दूसरी तिमाही के दौरान क्रमश 2 लाख एवं 4 लाख का जुर्माना लगाया था।
इसके अलावा टेलेनोर कम्पनी जोकि अपने कारोबार का विलय एयरटेल के साथ कर चुकी है निर्णय ने उसे भी कॉल ड्राप का दोषी पाया जिससे उस पर भी 6 लाख रुपयों की पेनल्टी लगाई गयी।
TRAI के प्रयासों का प्रभाव :
संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने बयान दिया की “TRAI के निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप, ट्रैफिक में बढ़ोतरी के बावजूद ट्राई के सर्विस क्वॉलिटी मानकों के संबंध में टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स की सेवाओं में सुधार देखा जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि जुलाई 2015 से 9.74 लाख अतिरिक्त मोबाइल टावर लगाए गए हैं और नवंबर 2018 तक इनकी कुल संख्या 20.7 लाख हो गई है। “