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    अमित टंडन दुनिया भर में बड़े स्तर पर परफॉर्म कर चुके हैं और उनका मानना है कि एक कॉमेडियन के लिए दर्शकों की पसंद को दिमाग में रखकर सामग्री को बदलना जरूरी होता है।

    स्टैंड-अप कॉमेडियन अमित का मानना है कि एक गलती जो उनके जैसे कई कलाकार दोहराते हैं और वह यह कि वे अकसर दर्शकों को प्रभावित करने के स्थान पर कॉमेडियंस को प्रभावित करने में लग जाते हैं। जबकि विषय साम्रगी दर्शकों के पसंद के मुताबिक होनी चाहिए।

    अमित जल्द ही नेटफ्लिक्स पर अपने एकल कार्यक्रम में परफॉर्म करते नजर आएंगे और वह वादा करते हैं कि शो में वह अपनी खुद की कहानियों के बारे में बताएंगे। इसमें वह अपने बच्चों के साथ उनके रिश्ते, उनकी शादी की बातों का जिक्र हंसी-मजाक के तड़के के साथ करेंगे।

    आईएएनएस ने उनके शो के बारे में जानने और भारत में कॉमेडी की हालिया परिस्थिति का पता लगाने के लिए अमित टंडन से बात की।

    इस बातचीत के कुछ अंश इस प्रकार है :

    नेटफ्लिक्स पर अपने शो के बारे में कुछ बताइए?

    टंडन : मेरा यह सोलो शो इस साल नौ दिसंबर को रिलीज हो रहा है। इस शो के माध्यम से दर्शकों तक एक खास संदेश को पहुंचाने का मेरा प्रयास रहेगा। ज्यादा कुछ बताए बिना मैं बस यही कहना चाहता हूं कि मैं बस लोगों द्वारा इसे देखे जाने के लिए उत्साहित हूं। यह पहली बार होगा जब मेरे विचार और मेरा व्यक्तित्व गंभीर होगा।

    इसका मौका आपको कैसे मिला?

    टंडन : सबसे पहले नेटफ्लिक्स ने अपने सीरीज ‘कॉमेडियन ऑफ द वर्ल्ड’ का हिस्सा बनने के लिए मुझसे संपर्क किया था, जिसमें वह दुनिया भर के कॉमेडिंयस के साथ शो रिकॉर्ड करने वाले थे। मैं इसमें हिस्सा लेने वाले तीन भारतीयों में से एक था। इस शो को जिस तरह की प्रतिक्रियाए मिलीं या जिस कदर यह सफल हुआ शायद उसे देखते हुए ही नेटफ्लिक्स की टीम ने मेरे इस सोलो शो के लिए सोचा होगा और मुझसे बात की होगी।

    इस शो में आप किस तरह की कहानियां लाने जा रहे हैं?

    टंडन : मैं अपनी वर्तमान परिस्थिति को शो में लेकर आऊंगा। मैं अपनी शादी, बच्चों के साथ अपने रिश्ते के बारे में बात करूंगा। मेरी ये कहानियां बेहद निजी है। ये कहानियां सौ प्रतिशत तो सच नहीं होगी, क्योंकि इसमें हंसी-मजाक का तड़का लगाया जाएगा, लेकिन हां, इनमें से ज्यादातर बिल्कुल सच होंगे।

    मंच पर या विषय सामग्री पर कॉमेडियन किस आम गलती को दोहराते हैं?

    टंडन : ऐसी कई सारी चीजें हैं, जिन पर कॉमेडियन लड़खड़ा सकते हैं और लगातार मंच पर प्रदर्शन से ही इस चीज पर काबू पाया जा सकता है। सबसे बड़ी गलती जो ज्यादातर कॉमेडियन करते हैं वह ये कि वे अपने विषय से दर्शकों को नहीं, बल्कि अन्य कॉमेडियन को प्रभावित करने में लग जाते हैं। दूसरा यह है कि जब वे मंच पर परफॉर्म करते हैं तो वे दर्शकों के आधार पर अपनी विषय साम्रगी या अपने बोलने के ढंग को नहीं बदलते हैं। एक कॉमेडियन के लिए यह बहुत जरूरी है कि दर्शकों की बात को दिमाग में रखकर अपनी विषयसामग्री में बदलाव लाया जाए।

    आपने दुनिया भर में परफॉर्म किया है। अपने यहां की कॉमेडी की तुलना आप बाकी के देशों से किस प्रकार से करेंगे?

    टंडन : मैंने दुनियाभर में परफॉर्म किया है और जब मैं यहां देखता हूं तो मुझे महसूस होता है कि यहां के कॉमेडियंस खुशकिस्मत हैं कि उन्हें भारत में पलने-बढ़ने का मौका मिला। यहां 130 करोड़ की आबादी है और भारतीय काफी बड़ी संख्या में दूसरे देशों में भी बसे हुए हैं, ऐसे में यहां के कॉमेडियंस को दुनिया भर में भारतीय दर्शक मिल जाएंगे। अगर आप एक छोटे देश से हैं, तो शायद आपको जिंदगीभर संघर्ष करते रहने की आवश्यकता है, क्योंकि आपको पर्याप्त दर्शक नहीं मिलेंगे जिनके पास आप अपने टिकट की बिक्री कर सकते हैं। सिंगापुर, मलेशिया जैसे देशों की तुलना में भारतीय कॉमेडियनंस के पास दर्शकों की पर्याप्त मात्रा है। जो कॉमेडियंस छोटे देशों से ताल्लुक रखते हैं तो उन्हें दर्शकों की तलाश में अन्य देशों का सफर करना पड़ सकता है क्योंकि उनका खुद का देश काफी छोटा है।

    आने वाले समय में और क्या करने वाले हैं?

    टंडन : कई सारी चीजों पर काम जारी है। हमने एक कहानी लिखी है जो भारत के विभाजन पर आधारित है। मैंने एक नया शो लिखा है और इसके अलावा जसपाल भार्टी जी के एक लाइव सीरीज पर भी मैं काम कर रहा हूं।

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