कैबिनेट ने 157 नए सरकारी नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना को मंजूरी दी है। प्रत्येक नर्सिंग कॉलेज के लिए मौजूदा मेडिकल कॉलेजों के साथ को-लोकेशन में 10 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। अब हर साल लगभग 15,700 नर्सिंग स्नातक कार्यबल में और जुड़ेंगे। यह भारत में, विशेष रूप से इस सुविधा से वंचित जिलों और राज्यों में गुणवत्तापूर्ण, किफायती नर्सिंग शिक्षा सुनिश्चित करेगा। कुल वित्तीय लागत 1,570 करोड़ रुपये होगी।
Cabinet has approved establishment of 157 new government nursing colleges. For each nursing college, financial assistance of ₹10 crore would be provided in co-location with exiting medical colleges: Union Minister @mansukhmandviya #CabinetDecisions pic.twitter.com/ZEm0LdfZQ8
— PIB India (@PIB_India) April 26, 2023
इस पहल का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में भौगोलिक और ग्रामीण-शहरी असंतुलन को दूर करना है, जिसके कारण नर्सिंग पेशेवरों की उपलब्धता में कमी आती है और इस सुविधा से वंचित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएँ प्रभावित होतीं हैं। इन नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना से स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में योग्य मानव संसाधनों की उपलब्धता को महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलेगा।
इसे यूनिवर्सल हेल्थ केयर के राष्ट्रीय शासनादेश के एक हिस्से के रूप में भी किया जा रहा है और यह सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी मदद करेगा। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम कौशल विकास और विदेशी पदों पर योग्य नर्सों की नियुक्ति के लिए प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ कार्य करता है।
भारतीय नर्सों की सेवाओं की विदेशों में काफी मान्यता है, इसलिए उनकी गतिशीलता और बेहतर रोजगार के अवसरों को सुविधाजनक बनाने के लिए भारतीय नर्सिंग शिक्षा को वैश्विक मानकों के अनुरूप लाना महत्वपूर्ण है।
मौजूदा मेडिकल कॉलेजों के साथ इन नर्सिंग कॉलेजों की सह-अवस्थिति से मौजूदा अवसंरचना, कौशल प्रयोगशालाओं, नैदानिक सुविधाओं और संकाय का अधिकतम उपयोग हो सकेगा।
इस पहल से नर्सिंग छात्रों को बेहतर नैदानिक अनुभव मिलने की उम्मीद है और इसके परिणामस्वरूप मेडिकल कॉलेजों में रोगियों के लिए बेहतर देखभाल और सेवा सुविधा सुनिश्चित होगी। इन नर्सिंग कॉलेजों में हरित प्रौद्योगिकियों के उपयोग का भी पता लगाया जाएगा तथा इन्हें ऊर्जा दक्षता और कार्बन फुटप्रिंट में कमी सुनिश्चित करने के लिए प्रासंगिकता के अनुसार अपनाया जाएगा।
सरकार अगले दो वर्षों में इस परियोजना को पूरा करने की योजना बना रही है और इसके लिए योजना तथा निष्पादन के प्रत्येक चरण के साथ विस्तृत समय-सीमा निर्धारित की गयी है।