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    कैबिनेट ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को और 6 महीने बढ़ाया।

    समाज के गरीब और कमजोर वर्गों के प्रति चिंता और संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएम-जीकेएवाई) को और छह महीने के लिए बढ़ा दिया है। 

    यह योजना का पांचवी चरण मार्च 2022 में समाप्त होना था। यह योजना अप्रैल 2020 से दुनिया के सबसे बड़े खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के रूप में लागू किया गया था।

    इस जानकारी को श्री मोदी ने ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा है “भारतवर्ष का सामर्थ्य देश के एक-एक नागरिक की शक्ति में समाहित है। इस शक्ति को और मजबूती देने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को छह महीने और बढ़ाकर सितंबर 2022 तक जारी रखने का निर्णय लिया है। देश के 80 करोड़ से अधिक लोग पहले की तरह इसका लाभ उठा सकेंगे।”

    सरकार ने लगभग रु. 2.60 लाख करोड़ अब तक खर्च किया है और सितंबर 2022 तक अगले 6 महीनों में 80,000 करोड़ रुपये खर्च करेंगे। पीएम-जीकेएवाई के तहत कुल खर्च लगभग रु 3.40 लाख करोड़ आएगा। यह पूरे भारत में लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को कवर करेगा और पहले की तरह भारत सरकार द्वारा पूरी तरह से खर्च वहन किया जाएगा।

    भले ही कोरोना महामारी काफी हद तक समाप्त हो गई है और आर्थिक गतिविधियां गति पकड़ रही हैं। यह योजना  एक्सटेंशन यह सुनिश्चित करेगा कि इस कोरोना से रिकवर हो रहे फेज में कोई भी गरीब परिवार खली पेट न सोये। विस्तारित पीएम-जीकेएवाई के तहत प्रत्येक लाभार्थी को एनएफएसए के तहत खाद्यान्न के अपने सामान्य कोटे के अलावा प्रति व्यक्ति प्रति माह अतिरिक्त 5 किलो मुफ्त राशन मिलेगा।

    सरकार ने पीएम-जीकेएवाई के तहत पांचवी चरण तक लगभग 759 एलएमटी मुफ्त खाद्यान्न आवंटित किया था। छठवीं चरण के विस्तार के तहत 244 एलएमटी मुफ्त खाद्यान्न के साथ, पीएम-जीकेएवाई के तहत मुफ्त खाद्यान्न का कुल आवंटन अब 1,003 एलएमटी खाद्यान्न है।

    देश भर में लगभग 5 लाख राशन की दुकानों से वन नेशन वन राशन कार्ड (ONORC) योजना के तहत किसी भी प्रवासी श्रमिक या लाभार्थी द्वारा पोर्टेबिलिटी के माध्यम से मुफ्त राशन का लाभ उठाया जा सकता है। अब तक 61 करोड़ से अधिक पोर्टेबिलिटी लेनदेन ने लाभार्थियों को उनके घरों से दूर कर लाभान्वित किया है।

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