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    कैबिनेट ने पूर्वोत्तर में विकास योजनाओं को जारी रखने के लिए 12,882 करोड़ रुपये की दी मंजूरी

    कैबिनेट ने 15वें वित्त आयोग की शेष अवधि के लिए 12 हजार 882 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय की योजनाओं को जारी रखने को मंजूरी दे दी है। स्वीकृत योजनाओं के विस्तार से योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए बेहतर योजना बनाने में मदद मिलेगी। आयोग की शेष अवधि 2022-23 से 2025-26 तक है।

    पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा है कि कुल परिव्यय में से आठ हजार 139 करोड़ रुपये से अधिक की राशि पूर्वोत्तर विशेष बुनियादी ढांचा योजना के लिए स्वीकृत की गई है। 

    उन्होंने कहा, ‘पूर्वोत्तर परिषद की योजनाओं के लिए परिव्यय 3202.7 करोड़ रुपये से अधिक होगा, जिसमें चल रही परियोजनाओं की प्रतिबद्ध देनदारियां शामिल हैं। मंत्री ने कहा, बोडोलैंड प्रादेशिक परिषद, दीमा हसाओ स्वायत्त प्रादेशिक परिषद और कार्बी आंगलोंग स्वायत्त प्रादेशिक परिषद के लिए विशेष पैकेज का परिव्यय एक हजार 540 करोड़ रुपये है।

    रेड्डी ने कहा, डीओएनईआर मंत्रालय की योजनाओं का उद्देश्य एक तरफ विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के प्रयासों और दूसरी तरफ पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों की जरूरतों को पूरा करना है। 

    स्वास्थ्य क्षेत्र में सरकार 2014-15 से 31,793.86 करोड़ व्यय कर चुकी है। कैंसर योजना के तृतीयक स्तर की देखभाल के सुदृढ़ीकरण के तहत 19 राज्य कैंसर संस्थान और 20 तृतीयक स्तर की देखभाल कैंसर केंद्र स्वीकृत किए गए हैं।

    क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए बिजली के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया गया है। 2014-15 से, सरकार ने 37,092 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं, जिनमें से अब तक 10,003 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।

    9,265 करोड़ रुपये की नॉर्थ ईस्ट गैस ग्रिड परियोजना पर काम चल रहा है, जिससे एनईआर की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा।

    कनेक्टिविटी और सामाजिक क्षेत्र की कमी को कम करने और क्षेत्र में आजीविका और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए विकासात्मक और बुनियादी ढांचागत गतिविधियों को शुरू करके, आठ पूर्वोत्तर राज्यों को उनकी महसूस की गई जरूरतों के अनुसार ये योजनाएं अंतर को भरने में मदद करती हैं।

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