Tue. Dec 24th, 2024
    कैटरीना कैफ ने किया जोया अख्तर से सवाल: क्या 'ज़िन्दगी ना मिलेगी दोबारा' का सीक्वल बनेगा?

    नई दिल्ली, 3 जुलाई (आईएएनएस)| अभिनेत्री कैटरीना कैफ के लिए फिटनेस जरूरी है और वह चाहती हैं कि सभी इसे अपनी जिंदगी में शामिल करें। हालांकि दूसरे की तरह शारीरिक कद-काठी पाने के प्रयास करने की कैटरीना बिल्कुल खिलाफ हैं।

    उनका कहना है कि वह किसी ‘आदर्श शारीरिक बनावट’ में यकीन नहीं करती हैं और न ही ऐसा कोई ‘आदर्श शारीरिक बनावट’ है जिस तरह से महिलाओं को दिखना चाहिए।

    ‘भारत’ की इस अभिनेत्री के पास कई तरह की प्रतिबद्धताएं हैं और वह कई-कई घंटों तक काम करती रहती हैं, लेकिन इन सबको वह अपने फिटनेस की राह पर आने नहीं देती हैं।

    कैटरीना ने फोन पर आईएएनएस से हुई बातचीत में बताया, “यह बहुत आसान है। एक दिन में 24 घंटे होते हैं। अगर आप एक दिन में महज 40 मिनट भी नहीं निकाल सकते हैं तो यह आपकी रुचि पर निर्भर है कि करना चाहती हैं या नहीं। यदि फिटनेस आपके लिए जरूरी है तो आप जहां कहीं भी हैं आप दिन में 45 मिनट जरूर निकाल सकते हैं।”

    कैटरीना ने आगे कहा, “कई सारे ऐसे प्रशिक्षण हैं जिन्हें कोई भी कर सकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात ट्रेनिंग के उस प्रकार को ढूंढ़ना है जो आप पर काम करता हो। किसी और को कॉपी करने के बारे में न सोचें।”

    भारत में रीबोक की नई ब्रांड अम्बेसडर ने बताया कि एक महिला अपनी खुद की त्वचा में जिस तरह से सहज महसूस करती है उसे उसी तरह से दिखना चाहिए, जिस तरह से वह दिखना चाहती है और यह हममें से सभी को निश्चय करना होगा कि हमारी आदर्श बॉडी किस तरह की होनी चाहिए जिसे हम फिटनेस के माध्यम से पाना चाहते हैं।”

    रीबोक के साथ जुड़ने के बारे में उन्होंने कहा, “बात जब रीबोक की आती है तो मुझे लगता है कि फिटनेस के लिए हम दोनों का दृष्टिकोण एक ही है।”

    कैटरीना का कहना है कि फिल्मों से परे फिटनेस मेरी जिंदगी का एक अहम हिस्सा है।

    कैटरीना ने यह भी कहा, “ऐसा भी वक्त होता है जब मैं सिर्फ योगा और पिलेट्स करती हूं क्योंकि मेरी फिल्म एक ऐसे किरदार को चाहती है जो थोड़ी सहज-सरल हो..कोई ऐसी जो दिखने में ऐसी लगे कि वह जिम नहीं जाती हो।”

    एक उदाहरण के तौर पर उन्होंने कहा, “‘भारत’ के लिए मैंने सिर्फ पिलेट्स, योगा, वॉकिंग और हल्का-फुल्का कार्डियो ही किया था।”

    अगर एक्शन फिल्म होती है तो फिटनेस कार्यक्रम में भी बदलाव आता है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *