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    भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की केरल राज्य इकाई ने गुटीय प्रतिद्वंद्विता के बावजूद कहा है कि वे इस बात को लेकर एकजुट हैं कि वे शीर्ष पद के लिए किसी बाहरी व्यक्ति को स्वीकार नहीं करेंगे। राज्य इकाई ने कहा कि वह राज्य पार्टी अध्यक्ष पद के लिए आम सहमति तक पहुंचने के लिए काम कर रही है।

    सूत्रों के अनुसार, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रयी गृहमंत्री अमित शाह इस बात को लेकर काफी नाराज हैं और उन्होंने कहा है कि यदि हालात ऐसे ही रहे तो अंतिम निर्णय लेने के लिए वह हस्तक्षेप करेंगे।

    राज्य इकाई के प्रमुख रहे पी.एस. श्रीधरन पिल्लई को अक्टूबर में मिजोरम राज्य का राज्यपाल नामित किया गया था। तब से राज्य भाजपा उनका उत्तराधिकारी तलाशने में विफल रही है।

    बैठकों के कुछ दौर के बावजूद एक आम सहमति नहीं बन पा रही है। वहीं दूसरी ओर नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पारित होने के कारण चल रहे विवाद में माकपा (मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी) के नेतृत्व वाला वाम और कांगेस के नेतृत्व वाला यूडीएफ सत्तारूढ़ केंद्र सरकार पर हमलावर हो रखा है। इसी बात को लेकर भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व परेशान है कि एक महत्वपूर्ण समय में जब भाजपा को सीएए का बचाव करना चाहिए, ऐसे में पार्टी अभी भी एक अध्यक्ष की तलाश कर रही है।

    अंत में बात दो नामों के. सुरेंद्रन और एम.टी.रमेश पर आकर रुकी है। सुरेंद्रन का समर्थन केंद्रीय मंत्री मुरलीधरन कर रहे हैं। वहीं रमेश को राज्य भाजपा के पूर्व प्रमुख पी.के. कृष्णदास का समर्थन है।

    इसबीच ऐसी खबरें भी हैं कि मिजोरम के पूर्व राज्यपाल कुम्मनम राजशेखरन को वापस पद पर लाया जा सकता है।

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