तिरुवनंतपुरम, 4 जून (आईएएनएस)| केरल की स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा ने मंगलवार को पुष्टि करते हुए कहा कि कोच्चि के पास इलाज करा रहे युवक की निपाह वायरस (एनआईवी) की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इस जांच की पुष्टि पुणे की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वीरोलॉजी ने की।
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि इस आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है और घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा, “पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वीरोलॉजी से जांच रिपोर्ट आ गई है और यह निपाह पॉजिटिव है। स्वास्थ्य प्रशासन ने पर्याप्त व्यवस्था की है और इसके लिए दवाइयां स्टॉक में हैं और एनआईवी विभाग को ऑस्ट्रेलिया से लाई गई यह दवाएं दी जाएंगी।”
उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने पहले ही पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया है।
युवक एक छात्र है जिसने पहले त्रिशूर में दो निजी अस्पतालों में इलाज कराया, जहां वह इंटर्नशिप के लिए गया था।
शैलजा ने कहा, “पिछले दो दिनों में स्वास्थ्य प्रशासन ने युवक के संपर्क में आए 86 लोगों की सूची बनाई है और उनका परीक्षण किया जा रहा है। इन 86 लोगों में दो को बुखार है और उनमें से एक को अकेला रखा गया है। दो नर्सो को भी बुखार है और उनका परीक्षण किया जा रहा है।”
मंत्री ने कहा, “युवक की हालत स्थिर है। उसे अब किसी भी तरह के सहयोग की जरूरत नहीं है और वह ठीक है।”
शैलजा ने लोगों से फल लेने में सावधानी बरतने के लिए कहा क्योंकि चमगादड़ इस वायरस के वाहक का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर इस संबंध में किसी भी प्रकार की भड़काऊ पोस्ट करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव राजन खोरबगडे ने कहा, “अब राज्य में हाई अलर्ट लागू कर दिया गया है और निपाह के लक्षण वाले किसी भी व्यक्ति के तीन नमूने (खून, यूरिन और गला) लिए जाएंगे और एनआईवी अलप्पुजा, पुणे और मनिपाल लैब में भेजे जाएंगे।”
उन्होंने कहा कि भारतीय मेडिकल अनुसंधान परिषद के विशेषज्ञ यहां स्वास्थ्य प्रशासन के लगातार संपर्क में हैं।
पिछले साल मई में कोझिकोड और मलाप्पुरम जिलों में निपाह (एनआईवी) वायरस के 22 मामलों में 12 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद लोगों में इसका भारी डर बैठ गया है।
केरल सरकार ने पिछली बार कोझिकोड में इससे सफलतापूर्वक निपटने वाले मेडिकल पेशेवरों और अधिकारियों को बुलाया है।