दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को बहुप्रतीक्षित मुफ्त वाईफाई हॉटस्पॉट योजना शुरू की। वहीं, दूसरी ओर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर बवाल के कारण शहर के एक हिस्से में इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगा हुआ है। केजरीवाल ने आईटीओ बस स्टॉप पर मुफ्त वाईफाई योजना का शुभारंभ किया, वहीं उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन पर इस योजना की शुरुआत की।
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा “यह एक विडंबना है कि जिस दिन हमने मुफ्त इंटरनेट योजना शुरू की, शहर में इंटरनेट सेवाएं बंद हो रही हैं। हमें उम्मीद है कि स्थिति को जल्द ही नियंत्रण में लाया जाएगा।”
केजरीवाल के शहर में मुफ्त इंटरनेट देने के चुनावी वादे के तहत राष्ट्रीय राजधानी में 100 से अधिक हॉटस्पॉट बनाए गए हैं।
उन्होंने कहा, “अगले छह महीनों में शहर को 11,000 हॉटस्पॉट मिलेंगे। दूसरे चरण में हम पूरे शहर को हॉटस्पॉट देंगे।”
सीएए को दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी सहित समूचा विपक्ष देश के संविधान की प्रस्तावना व मूल भावना के खिलाफ बता रहा है और संविधान को बचाने का आह्वान कर रहा है। कुछ विपक्षी दलों का कहना है भाजपा अपना वोटबैंक बढ़ाने के लिए सीएए लाई है। इसका फायदा सिर्फ उसे मिलेगा और धीर-धीरे देश से लोकतंत्र खत्म हो जाएगा।
सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों में गुरुवार को तेजी आई, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने एयरटेल, जियो, एनटीएनएल, बीएसएनएल और वोडाफोन आइडिया जैसे मोबाइल फोन ऑपरेटरों को राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में सभी संचार सेवाओं कॉल, एसएमएस व इंटरनेट को बंद करने के लिए पत्र लिखा।
जिन क्षेत्रों में सेल्युलर सेवाएं बंद कर दी गई हैं, उनमें उत्तर और मध्य दिल्ली के इलाके मंडी हाउस, जामिया नगर, शाहीन बाग, सीलमपुर, जाफराबाद और बवाना शामिल हैं।