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    विजय कुमार देव दिल्ली के नए मुख्य सचिव होंगे। लगातार तीसरी बार ऐसा हुआ है कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से सलाह मशविरा किये बगैर दिल्ली के मुख्य सचिव की नियुक्ति कर दी गई। 2016 में जारी गृह मंत्रालय की कैडर नीति के तहत मुख्य सचिव की नियुक्ति के लिए मुख्यमंत्री से सलाह मशविरा करना आवश्यक है।

    9 नवंबर, 2016 को जारी गृह मंत्रालय के अधिसूचना में कहा गया है कि ‘मुख्य सचिव / प्रशासक के हस्तांतरण और पोस्टिंग और वरिष्ठ पुलिस राज्य / केंद्रशासित प्रदेश में नियुक्ति से सम्बंधित निर्णय राज्य के मुख्यमंत्री के परामर्श से गृह मंत्री की मंजूरी के साथ किया जा सकता है। मुख्यमंत्री को तीन नामों का एक पैनल सुझाया जा सकता है।

    मुख्यमंत्री से प्राप्त प्रतिक्रिया पर विचार करने के बाद, गृह मंत्रालय मुख्य सचिव / प्रशासक / पुलिस महानिदेशक को पोस्ट करने के आदेश जारी कर सकता है। यदि 15 दिनों की अवधि के भीतर कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं होती है, तो गृह मंत्रालय इस मामले को अपने स्तर पर तय कर सकता है।

    गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक़ दिल्ली का मामला अलग है। दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश होने के साथ साथ देश की राजधानी भी है इसलिए यहाँ ट्रांजेक्शन ऑफ़ बिजनेस रूल्स की प्राथमिकता रहती है।  इस स्थिति में मुख्यमंत्री से परामर्श की आवश्यकता नहीं रह जाती। ट्रांजेक्शन ऑफ़ बिजनेस रूल्स की धारा 55 के सेक्शन 2 की तहत मुख्य सचिव की नियुक्ति उपराजयपाल की मंजूरी से भी हो सकता है क्योंकि उपराज्यपाल ही दिल्ली के वास्तविक प्रशासक होते हैं।

    पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित सरकार के तहत सेवा करने वाले दो मुख्य सचिवों ने मिडिया को बताया कि एल-जी की मंजूरी अनिवार्य थी, मुख्यमंत्री से हमेशा परामर्श किया गया था। मुख्यमंत्री के कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि केजरीवाल सरकार के तहत नियुक्त पहला सीएस, के के शर्मा भी आप को भेजे गए तीन विकल्पों में से एक था। हालांकि, गृह मंत्रालय की अधिसूचना के बाद, इसे समाप्त कर दिया गया था। अधिकारी ने कहा,’हम एम एम कुट्टी, अंशु प्रकाश और विजय देव की नियुक्ति में तस्वीर में कहीं भी नहीं थे’।

    दिल्ली के अलावा, एजीएमयूटी के अधिकार क्षेत्र में आने वाले वाले राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, गोवा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, चंडीगढ़, दमन और दीव, दादर और नगर हवेली, लक्षद्वीप और पुडुचेरी हैं।

    आम आदमी पार्टी ने कहा कि पूर्व मुख्य सचिव को बदलने के लिए उठाया गया कदम अनावश्यक था क्योंकि सेवाओं पर नियंत्रण का मुद्दा वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में है।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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