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    अरविंद केजरीवाल

    आम आदमी पार्टी के सयोंजक एवं संस्थापक अरविन्द केजरीवाल इन दिनों काफी संघर्ष करते दिख रहे हैं। दिल्ली के उप राजयपाल अनिल बैजल के साथ उनके रिश्ते खराब से अब काफी ही ख़राब हो गए हैं। रिश्तो में तनातनी तब ज़्यादा हुई जब अरविन्द केजरीवाल ने उप राज्यपाल के खिलाफ 8 दिनों का दिल्ली में धरना प्रदर्शन किया

    धरना देने की मुख्य वजह उप राज्यपाल का दिल्ली सरकार के कामों में अवैध हस्तक्षेप था मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कई बार उप राज्यपाल अनिल बैजल को भाजपा का एजेंट भी बताया हैं। उनके मुताबिक भाजपा से अच्छे रिश्ते ना हो पाने की वजह से ये भाजपा की तरफ से उनके खिलाफ एक सोची समझी साजिश के तहत हो रहा है।

    बहरहाल दिल्ली में एक बार फिर से केजरीवाल और राज्यपाल में तनातनी सामने आयी हैं। मुद्दा कुछ इस प्रकार है की राजयपाल ने दिल्ली में सीसीटीवी लगाने के लिए पुलिस से इसकी मंज़ूरी और एक लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया है।

    इसका मतलब यह है की अब आपको सीसीटीवी लगाने क लिए पुलिस वेरिफिकेशन एवं एक लाइसेंस प्राप्त करना होगा दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इस फैसले कि ट्विटर के द्वारा कड़ी आलोचना की उनका कहना यह ही कि यह एक बेतुका फैसला हैं और इससे दिल्ली कि जनता प्रभावित होगी महिलाओं कि सुरक्षा भी इससे खतरे में आजाएगी एवं रिश्वत देने लेने में भी वृद्धि आएगी। दिल्ली सरकार को भी अब दिल्ली में लगे सरे सीसीटीवी हटाने पड़ेंगे एवं उनका भी पंजीकरण करना होगा

    केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट के आर्डर का हलफनामा देते हुए कहा कि जब देश कि सर्वोच्च अदालत ने उप राज्यपाल को लिखित में सन्देश दे दिया फिर भी वह गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए निर्देश का ही पालन कर रहे हैं। हर बार कि तरह इस बार भी उन्होंने इन सब चीजों के पीछे भाजपा को कसूरवार ठहराया हैं।

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