केंद्र सरकार ने सोमवार को राफले मामले के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा प्रस्तुत किया, जिसमें उसने फ्रांसीसी लड़ाकू विमान राफेल के सौदे की खरीद प्रक्रिया का एक संक्षिप्त सारांश दिया। नौ पेज के हलफनामे के अलावा, सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मांगे गए सीलबंद लिफ़ाफ़े में विमान की कीमत की जानकारी भी कोर्ट में जमा किया।
सरकार ने हलफनामे में अदालत को आश्वासन दिया कि राफले सौदे में सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं और 36 राफले जेटों को प्राप्त करने में सभी रक्षा खरीद प्रक्रिया का पालन किया गया।
मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होगी।
इससे पहले विपक्ष ने संसद के साथ सौदे की डिटेल और विमानों की कीमत बताने से इंकार करने पर केंद्र सरकार की आलोचना की थी और बार-बार मोदी कैबिनेट से 36 राफले विमानों की कीमत बताने को कहा था। सरकार ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए कीमत बताने से इंकार कर दिया था।
शुक्रवार को, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर सरकार पर फिर हमला किया और दावा किया था कि कई लोगों को राफले सौदे के कीमत के बारे में पता है लेकिन सरकार इसे राष्ट्रीय सीक्रेट बता रही है। एक ट्वीट में, गांधी ने कहा, “प्रधान मंत्री जानते हैं। अनिल अंबानी जानते हैं। ओलांद और मैक्रोन जानते हैं। हर पत्रकार अब जानता है। रक्षा मंत्रालय बाबु जानते हैं। दसॉल्ट जानता है। दसॉल्ट के सभी प्रतियोगियों को पता है। लेकिन इसकी कीमत एक है राष्ट्रीय रहस्य, जिसे सर्वोच्च न्यायालय में भी प्रकट नहीं किया जा सकता है
The PM knows.
Anil Ambani knows.
Hollande & Macron know.
Every journalist now knows.
Defence Ministry babus know.
All of Dassault knows.
All Dassault’s competitors know.But the price of the #RAFALE is a National Secret, that cannot be revealed even to the Supreme Court. https://t.co/1W8Z3JXQCc
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 10, 2018
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने पूर्व यूपीए सरकार द्वारा बातचीत की कीमत से तीन गुना अधिक कीमत पर विमान खरीदने का सौदा किया। दसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित राफले जेटों के सौदे पर फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रैंकोइस ओलांद के कार्यकाल के दौरान बातचीत की गई थी जिनके उत्तराधिकारी अब इमैनुएल मैक्रोन हैं।
राहुल गांधी ने सरकार द्वारा संचालित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के बदले दासॉल्ट एविएशन के ऑफसेट पार्टनर बनने के लिए पीएम मोदी पर व्यवसायी अनिल अंबानी के रिलायंस डिफेंस के लिए लॉबिंग करने का भी आरोप लगाया है।
31 अक्टूबर को, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से 36 राफले जेटों के कीमत सम्बन्धी डिटेल को दस दिनों के भीतर एक सीलबंद लिफ़ाफ़े में कोर्ट में जमा करने के लिए कहा था।