केंद्र सरकार ने कोरोना काल में एक करोड़ से अधिक कामगारों को बड़ी राहत दी है। दरअसल, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने केंद्रीय क्षेत्र में 1.5 करोड़ से अधिक कामगारों के वैरिएबल डीए (DA) 105 रुपये से बढ़ाकर 210 रुपये प्रति महीना करने की घोषणा की है। इससे केंद्रीय क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों और कामगारों का न्यूनतम वेतन की दर में भी वृद्धि होगी। यह वृद्धि एक अप्रैल, 2021 से लागू होगी।
चीफ लेबर कमिश्नर सेंट्रेल (सीएलसी) डीपीएस नेगी ने पीटीआई को बताया कि केंद्रीय क्षेत्र में काम कर रहे कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में प्रति महीने 105 रुपये से लेकर 210 रुपये तक का इजाफा किया गया है। वहीं एक बयान में श्रम मंत्रालय ने इस संबंध में बताया है कि वैरिएबल डियरनेस एलाउंस (वीडीए) में बदलाव 1 अप्रैल 2021 से प्रभावी होगा।
यह केंद्र सरकार के विभिन्न अनुसूचित रोजगारों से जुड़े कर्मचारियों के लिए है। अनुसूचित रोजगार के लिए निर्धारित दरें केंद्र सरकार के अंतर्गत आने वाले रेलवे प्रशासन, खदानों, तेल क्षेत्रों, प्रमुख बंदरगाहों या केंद्र सरकार द्वारा स्थापित किसी भी निगम के प्राधिकरण के तहत प्रतिष्ठानों पर लागू होती हैं। ये दरें ठेके और अस्थायी दोनों तरह के कर्मचारियों/कामगारों के लिए भी समान रूप से लागू होती हैं।
वैरिएबल डीए में संशोधन के लिए जुलाई से दिसंबर 2020 के औसत सीपीआई-आईडब्ल्यू का उपयोग किया गया है। केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि इस कदम से देश के उन करीब 1.50 करोड़ श्रमिकों को लाभ मिलेगा जो केंद्र सरकार के विभिन्न अनुसूचित रोजगारों से जुड़े हैं। वैरिएबल डीए में बढ़ोतरी से उन्हें इस महामारी के मुश्किल वक्त में मदद मिलेगी।
इस बारे में श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा, ‘मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारे मंत्रालय द्वारा केंद्रीय क्षेत्र में अनुसूचित रोजगारों में कार्यरत श्रमिकों को दिए जाने वाले महंगाई भत्ता की राशि एक अप्रैल 2021 से बढ़ाए जाने का आदेश मुख्य श्रम आयुक्त की ओर से जारी कर दिया गया है। इसका लाभ तुरंत मिलना शुरू हो जाएगा।
केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के लिए एलटीसी यानी यात्रा भत्ते के बिल को जमा करने की अवधि बढ़ा दी है। अब 31 मई 2021 तक यात्री भत्ता के बिल को जमा कराया जा सकता है। दरअसल, कोरोना काल में लॉकडाउन और उड़ान सेवाएं प्रभावित रहने की वजह से सरकार ने एलटीसी कैश वाउचर स्कीम लॉन्च की थी। इस स्कीम के तहत वाउचर के जरिए कर्मचारियों को कुछ रकम खर्च करने को दिए गए।