सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी निजी टीवी चैनलों को परामर्श जारी कर ऐसी सामग्री के प्रसारण में सावधानी बरतने के लिए कहा है, जिनसे हिंसा को प्रोत्साहन मिलने की आशंका हो। संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) के पारित होने के बाद पूर्वोत्तर राज्यों जैसे असम, त्रिपुरा में हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर टीवी चैनलों के लिए यह परामर्श जारी किया गया है।
टीवी चैनलों के लिए बुधवार को जारी किए गए परामर्श में मंत्रालय ने कहा है, “सभी टीवी चैनलों को सलाह दी जाती है कि वे ऐसी सामग्री के प्रति विशेष सावधानी बरतें, जिनसे हिंसा को प्रोत्साहन मिलता हो या उससे हिंसा भड़कती हो, या कानून-व्यवस्था बनाए रखने में समस्या उत्पन्न होने की आशंका हो या जो राष्ट्रविरोधी व्यवहार को बढ़ावा दे रही हो।”
यह परामर्श “उन सभी सामग्री पर लागू होता है, जो देश की अखंडता को प्रभावित करती है और इसलिए यह सुनिश्चित करें कि ऐसी कोई भी सामग्री प्रसारित न हो जो इन संहिताओं का उल्लंघन करती है।”
परामर्श में आगे कहा गया है, “सभी निजी सैटेलाइट टीवी चैनलों से अनुरोध किया जाता है कि वे इस परामर्श का सख्ती से पालन करें।”
अतीत में मंत्रालय विभिन्न मौकों पर निजी टीवी चैनलों के लिए परामर्श जारी करता रहा है, जिसमें कार्यक्रम एवं प्रसारण संहिता के तहत निर्धारित सामग्री के प्रसारण को लेकर सख्त अनुपालन की मांग की जाती रही है।