केंद्र सरकार ने नई दवाओं, सौंदर्य प्रसाधन और चिकित्सा उपकरणों के संबंध में कानून बनाने के लिए एक समिति का गठन किया है। इस आठ सदस्यीय पैनल की अध्यक्षता ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया वी.जी. सोमानी करेंगे। समिति को 30 नवंबर तक एक मसौदा दस्तावेज जमा करना है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 27 अगस्त के एक आदेश में कहा कि समिति नई औषधि, सौंदर्य प्रसाधन और चिकित्सा उपकरण विधेयक तैयार करेगी। पैनल के अन्य सदस्य राजीव वधावन (निदेशक, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय); एस.ई. रेड्डी; ए.के. प्रधान; हरियाणा, गुजरात और महाराष्ट्र के औषधि नियंत्रक; और आईएएस अधिकारी एन.एल. मीना हैं।
यदि आवश्यक हो तो समिति को एक या अधिक सदस्य को सहयोजित करने की अनुमति है। आदेश में आगे कहा गया है कि समिति पूर्व-विधायी परामर्श करेगी और वर्तमान अधिनियम की जांच करेगी। साथ ही पहले तैयार किए गए ड्रग्स और कॉस्मेटिक बिल और एक नए ड्रग्स, कॉस्मेटिक्स और मेडिकल डिवाइसेस बिल के लिए एक मसौदा दस्तावेज प्रस्तुत करेगी।
इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री के फोरम कोऑर्डिनेटर राजीव नाथ ने कहा कि दवाओं से अलग उपकरणों को विनियमित करने और मामूली गैर-अनुपालन को कम करने के लिए नीति आयोग विधेयक सही दिशा में था।
उन्होंने यह कहा कि समिति का गठन गंभीर हितों का टकराव और अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा की, “निर्माताओं, वैज्ञानिकों, डॉक्टरों और रोगी समूहों जैसे हितधारकों को शामिल करना फायदेमंद होता।”
समय के साथ दवा और चिकित्सा उपकरण उद्योगों में हो रहे परिवर्तनों को देखते हुए नए खंड शामिल करने के लिए औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1990 में समय-समय पर संशोधन किया गया है। 1945 में बनाए गए नियमों में भी इस क्षेत्र में तकनीकी परिवर्तनों के मद्देनजर कई बदलाव किए गए थे।
डीसीजीआई ने हाल ही में अनुपालन बोझ को कम करने और व्यापार करने में आसानी और सुधार के लिए सरकार के प्रयासों पर भी संकेत दिया है। इसी पृष्ठभूमि में सरकार एक नए विधेयक पर विचार कर रही है और नियमों पर नए सिरे से विचार करने के लिए एक समिति का गठन कर रही है।