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    कश्मीर घाटी पहुंचे जवान

    जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा अलगाववादी नेता यासीन मलिक व अन्य एक दर्जन हुर्रियत नेताओं की गिरफ्तार के बाद घाटी में तनाव बढ़ने का भय था, जिस कारण केंद्र ने अर्द्धसैनिक बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियां वहां भेजी हैं।

    इस ताजा तैनाती में कुल 45 कंपनियां सीआरपीएफ की, 35 कंपनियां बीएसएफ और 10-10 क्रमश: आईटीबीपी व एसएसबी के जवान हैं।

    14 फरवरी को पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले के बाद कश्मीर में स्थिति बिगड़ती जा रही है, जिसके मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था का खास ध्यान रखा जा रहा है। मध्य, उत्तरी व दक्षिण कश्मीर से लगभग एक दर्जन जमात-ए-इस्लामी नेताओं की गिरफ्तारी की गई है।

    हालांकि वहां की पुलिस ने इस ताजा तैनाती पर कोई बयान नहीं दिया है। जमात-ए-इस्लामी ने नेताओं की इस गिरफ्तारी को ‘कश्मीर के खिलाफ साजिश व असंवैधानिक कहा है।” उनके ओर से जारी विज्ञप्ति में लिखा है, “यह कदम इस क्षेत्र में और अनिश्चितता की राह प्रशस्त करने के लिए रची गई एख साजिश कहा है। जमात ने दावा किया है 22 औऱ 23 फरवरी को रात में पुलिस व अन्य एंजेंसियों ने एक व्याप्क गिरफ्तारी अभियान चलाया और घाटी के कई घरों में छापेमारी की।”

    हिरासत में लिए गए लोगों में जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख (अमीर जमात) डॉ अब्दुल हमीद फैयाज, एडवोकेट जाहिद अली (प्रवक्ता), गुलाम कादिर लोन (पूर्व महासचिव) और दर्जनों अन्य शामिल हैं।

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