राज्य की वित्तिय स्थिति अच्छी नहीं होने के बावजूद भी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कृषि ऋण माफी स्कीम को स्वीकार किया है। सीएम ने 22 फरवरी को रतलाम में राज्य में घोषित कृषि ऋण माफी योजना के कार्यान्वयन को लागू करने की बात कही है। ज्ञात हो कि राज्य का लक्ष्य 1 मार्च तक कुल 10,128 करोड़ की राशि से 2.55 मिलियन किसानों के ऋण माफ किया जाना है।
ऋण माफी या उनके घरों को लेकर प्रमाण पत्र वितरित करने के लिए राज्य भर में कार्यक्रम आयोजित करने के लिए लगभग 40 करोड़ रुपये रखे गए हैं। बुधवार को पेश हुए राज्य के बजट में भी इस स्कीम के लिए आवंटन का खास ध्यान रखा गया है।
किसानों की खोई ख़ुशियाँ वापस लायेंगे,
हम मध्य प्रदेश को फिर ख़ुशहाल बनायेंगे।"बदलाव के लिए संकल्पित मध्य प्रदेश सरकार" pic.twitter.com/BurIRrraTB
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) February 20, 2019
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य में 22 फरवरी को एक मेगा-कार्यक्रम आयोजित होना है। संभावना है कि राज्य सरकार पार्टी के प्रचार के लिए किसानों की लिए की गई ऋण माफी को ही मुद्दा बनाएगी।
इस कार्यक्रम के लिए रतलाम को ही चुनने के पीछे खास वजह है। दरअसल 1984 से ही रतलाम कांग्रेसियों का गढ़ रहा है। 2014 में उन्होंने यह से लोकसभा सीट गंवा दी थी। मध्य प्रदेश की कुल 29 में से कांग्रेस की सीट कही जाने वाली 3 तीनों में यही एक है। अन्य दो सीटों में एक कमलनाथ की छिंदवारा और दूसरी ज्योतिरादित्य की गुना सीट है।
कृषि ऋण माफी योजना के तहत पैसा इलेक्ट्रॉनिक हस्तांतरण के माध्यम से सीधा लाभांवित किसानों के बैंक खातों में जमा किया जाएगा। 25 फरवरी से 1 मार्च तक के बीच सरकार राज्य के सभी 383 ग्रामीण तहसीलों में ‘किसान सम्मेलन’ का आयोजन करेगी। जहां लाभार्थी किसानों को ऋण माफी प्रमाण पत्र सौंपे जाएंगे।