वामपंथी दलों के प्रतिनिधिमंडल, कांग्रेस और भाजपा ने हिंसा की शिकायत के साथ गुरूवार को चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया और फिर से मतदान कराने की मांग की।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी- मार्क्सवादी राज्य सचिवालय के सदस्य राबिन देब के नेतृत्व में वाम मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल कूचबिहार के ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के उम्मीदवार गोविंद राय पर माथाभांगा के बूथ संख्या 238, पर हमला करने और उनकी कार के बर्बरता करने के बाद, मुख्य चुनाव अधिकारी आरिज़ आफ़ताब को फोन किया। लेफ्ट नेताओं ने दोषियों के खिलाफ सजा की मांग की।
एआईएफबी के राज्य समिति के सचिव नरेन चटर्जी ने संवाददाताओं से कहा हम यह भी मांग करते हैं कि कूचबिहार में सशस्त्र पुलिस के साथ जहां भी मतदान हुआ, हम पुन मतदान की मांग करते हैं। वहा के 170 बूथों में गड़बड़ी थी।
कूचबिहार में 2010 मतदान केंद्रों में से लगभग 700 महत्वपूर्म बूथों पर केंद्रीय बलों का पहरा था। बाकी 1310 मतदान केंद्र राज्य पुलिस द्वारा संचालित थे।
राबिन देब ने रामनवमी, पोइला बोइशक और रमजान के आगामी त्योहारों के बारे में चिंता जताते हुए कहा कि चुनाव आयोग को शांति सुनिश्चित करनी चाहिए और मतदाताओं को भयभीत नही करना चाहिए।
उन्होंने आगामी चुनावों में शांतिपूर्ण, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए कदम उठाए जाने की मांग की।
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रदीप भट्टाचार्य ने शिकायत की कि कूचबिहार के दिनहाटा के लगभग 10 मतदान केंद्रों में, उनके पोलिंग एजेंटों को प्रवेश करने की अनुमति नही थी।
भाजपा उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजूमदार के नेतृत्व में एक भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने बड़ी संख्या में मतदान केंद्रों में फिर से मतदान कराने की मांग की। उन्होंने लोगों से अपना वोट खुद डालने और अपनी पंसद खुद बनाने का भी आग्रह किया क्योकि भाजपा सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के विपरित निष्पक्ष चुनाव में विश्वास रखती हैं।
इसलिए वह लोकल खुफिया पर निर्भर करते हैं, जिसके कारण समस्याएं पैदा होती हैं।
उन्होंने कहा कि आज के चुनावों में स्पष्ट रूप से पता चला हैं कि जिन बूथों शांतिपूर्ण माना गया था और राज्य पुलिस द्वारा पहरा दिया गया था उनमें गड़बड़ी देखी गई।