बिहार में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने एनडीए से अलग होने की घोषणा तो कर दी लेकिन अब पार्टी में खुद टूट का संकट पैदा हो गया है। रालोसपा के दो विधायक और एकलौते विधान पार्षद ने पार्टी अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा के एनडीए से अलग होने की घोषणा से इत्तेफाक न रखते हुए खुद को एनडीए के साथ बताया और आरोप लगाया कि कुशवाहा व्यक्तिगत राजनीति कर रहे हैं। इतना ही नहीं पार्टी के दोनों विधायक सुधांशु शेखर और ललन पासवान और विधान पार्षद संजीव श्याम सिंह ने पार्टी पर खुद का दावा ठोक दिया और कहा कि वही असली रालोसपा हैं और एनडीए के साथ हैं।
पटना में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए तीनो नेताओं ने कहा कि वो एनडीए में थे और आगे भी एनडीए में ही बने रहेंगे। प्रेस कांफ्रेंस में विधान पार्षद संजीव श्याम सिंह ने एनडीए नेतृत्व पर विश्वास जताते हुए कहा कि वो एनडीए के साथ हैं और एनडीए को मजबूत करने के लिए काम करते रहेंगे।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह रालोसपा के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने सीट बिहार में 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे में हो रही देरी से नाराज होते हुए एनडीए से अलग होने की घोषणा कर दी थी और केन्द्रीय मंत्रिमंडल से अपना इस्तीफ़ा भी दे दिया था।
रालोसपा के तीनो बागी नेताओं ने कहा कि वो ही असली रालोसपा हैं और पार्टी के बाकी नेता भी उनके साथ है। उन्होंने कहा जरूरत पड़ी तो वो चुनाव आयोग में जा कर अपनी बात रखेंगे। उन्होंने कहा कि उपेन्द्र कुशवाहा ने पार्टी को अपनी व्यक्तिगत लड़ाई का अखाड़ा बना दिया है जिससे पार्टी को नुकसान हो रहा है। वो अपने व्यक्तिगत स्वार्थ की पूर्ति के लिए पार्टी को दांव पर लगा रहे हैं। ‘
एनडीए से एकाग होने के बाद उपेन्द्र कुशवाहा के महागठबंधन में शामिल होने के आसार थे लेकिन अपनी पार्टी में ही फूट पद जाने से उनके अगले कदम की प्रतीक्षा की जा रही है।