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    कुलभूषण जाधव ,पाकिस्तान

    पाकिस्तान में मौत की सजा पाने वाले भारत के कुलभूषण जाधव को कल उनकी माँ और पत्नी से मिलवाया गया। पाकिस्तान सरकार ने इस कार्य को इंसानियत का तकाजा बताया है। लेकिन जाधव से उनके परिवार को मिलाने की यह प्रक्रिया लम्बे समय से चलती आ रही है। अंत में पाक सरकार ने इस पर हामी भरी है। जाधव की माँ एवं उनकी पत्नी सोमवार को पाकिस्तान गई थी। इस मामले में पाकिस्तान बहुत सोच समझकर फैसला ले रहा है। पाक यह जानता है कि जाधव की मौत से उसे कोई फायदा नहीं होगा। लेकिन फिर भी वह दोहरे रवैये अपना रहा है।

    जब सोमवार को जाधव की माँ और पत्नी को एक वाणिज्यिक विमान से इस्लामाबाद लाया गया तो इस आदेशानुसार लाया गया कि मुलाकात के बाद उसी दिन उन्हें भारत लौटना होगा। जाधव के पारिवारिक मुलाकात के दौरान भारत के उप उच्चायुक्त भी मौजूद रहे। लेकिन पाकिस्तान ने जाधव की माँ और पत्नी को दोहरी प्रक्रिया के साथ उनकी मुलाकात करायी। पाकिस्तान जाधव के मामले में अपने कदम सोच समझ कर बढ़ा रहा है।

    अगर देखा जाये तो कसाब की तरह जाधव नें एक खूंखार आतंकवादी की तरह अपने आप को नहीं पेश किया है। हालाँकि जाधव नें पाकिस्तानी अदालत के समक्ष यह कबूला है कि पाकिस्तान में हुए कुछ आंतकी हमलो में उनका भी सहयोग रहा है। लेकिन यह बात अभी तक साफ़ नहीं हो पाई है। पाक का यह दावा है कि जाधव ने अपने रॉ के एजेंट होने का साबुत भी दिया है। जाधव को जिन्दा रखना पाकिस्तान के लिए एक सबूत के तौर पर है। ताकि वह दुनिया और भारत को याद दिला सके कि भारत की ओर से भेजा गया यह आदमी बलूचिस्तान में क्या कर रहा था। पाकिस्तान अपनी बेगुनाही के तौर पर जाधव के जिन्दा और उनके सेहतमंद का पूरा ख्याल रख रहा है।

    वही पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा है कि यह मुलाकात इस्लामिक परंपरा की इंसानियत के आधार पर करायी गयी है। जाधव के परिवार से मुलाकात के दौरान पाकिस्तानी प्रवक्ता ने जाधव के आरोपों को दोहराते हुए 11 बातो का उल्लेख किया।

    प्रवक्ता द्वारा कही गयी 11 बातें:

    1 – कुलभूषण जाधव की पत्नी और मां से मुलाक़ात इस्लामिक परंपरा के तहत मानवता के आधार पर कराई गई।
    2 – कुलभूषण जाधव को फ़र्ज़ी पहचान पत्र के साथ गिरफ़्तार किया गया था।
    3 -कुलभूषण जाधव ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने गुनाह क़बूल किया है। भारत की ख़ुफ़िया एजेंसी रॉ के लिए कुलभूषण जाधव काम कर रहे थे।
    4 – कुलभूषण जाधव को रंगे हाथों पकड़ा गया था।
    5 – कुलभूषण जाधव की सेहत बिल्कुल दुरुस्त है।
    6 – पाकिस्तान ने कुछ भी छुपाया नहीं है, हमने भारतीय मीडिया को भी आमंत्रित किया था।
    7 – कुलभूषण जाधव की पत्नी और मां ने इस मुलाक़ात के लिए पाकिस्तान को शुक्रिया कहा है।
    8 – भारतीय उच्चायोग के अधिकारी को इस मुलाक़ात की निगरानी के लिए जाने की अनुमति दी गई थी। हालांकि उस अधिकारी को जाधव से बात करने और उनकी बात सुनने की अनुमति नहीं दी गई थी।
    9 – यह मुलाक़ात 40 मिनट की थी। जाधव और उनकी मां ने मुलाक़ात का समय 10 मिनट और बढ़ाने के लिए अनुरोध किया था।
    10 – मुलाक़ात बहुत सकारात्मक और खुली थी। इस मुलाक़ात के दौरान हमारा एक ऑफ़िसर भी मौजूद था।
    11 – पाकिस्तान की सरकार ने भारतीय अधिकारियों को पहले ही सूचित कर दिया था कि मुलाक़ात के दौरान कुलभूषण जाधव को शीशे के पीछे रखा जाएगा। ऐसा सुरक्षा कारणों से किया गया है।

    लेकिन पकिस्तान के विदेश प्रवक्ता की ओर से दिए गए बयान में कहा गया है कि जाधव ने अपने एजेंट होने की बात कही है। उन्होंने पत्नी से मिलने की अपील की और वह कुशल पूर्वक है। जाधव के इस पारिवारिक मुलाकात के कारण जाधव द्वारा अपनी पत्नी से मिलने की अपील बताया जा रहा है। इस मामले में पाकिस्तान ने अलग बर्ताव को दर्शाया है। दुनिया में ऐसा कहा होता है कि कोई जासूस पकड़ा जाए और वह अपने गुनाह कबूल ले फिर भी उसके साथ अच्छा बर्ताव किया जाए।

    जबकि कुलभूषण जाधव का मामला इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस तक पहुंच चुका है। इंटरनेशनल कोर्ट के जाधव को कॉउंसलर एक्सेस देने वाली बात को पकिस्तान ने यह कहकर टाल दिया है कि वह कोई राजनयिक श्रेणी में नहीं आते है। देखा जाये तो पाकिस्तान केवल जाधव के केस को खिंच रहा है। वह भारत की सुरक्षा गतिविधियों को पुरी दुनिया के सामने पेश करना चाहता है।

    पाकिस्तान ने जाधव की माँ और पत्नी की इस मुलाक़ात को केस जीतने के इरादे से नहीं बल्कि इंसानी जज्बे के तहत करायी है। पाकिस्तान इस मामले में कोई भी पक्ष सुनने को तैयार नहीं है। वह अपने दोहरे चेहरे को मुलाकात के बहाने दिखाने की कोशिश कर रहा है।