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    आईसीजे में सुनवाई

    भारत ने 20 फरवरी को पाकिस्तान की कुख्यात सेना की कार्रवाई पर सवाल उठाये और अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक अदालत से कुलभूषण जाधव की मौत की सज़ा को रद्द करने का आग्रह दिया क्योंकि वह ‘जबरन लिए बयान’ पर आधारित थी। कुलभूषण जाधव एक पूर्व नौसैन्य अधिकारी है जिसे पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ने ने ईरान से अगवा कर लिया था। जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में मौत की सज़ा सुनाई थी।

    विदेश मंत्रालय जे जॉइंट सेक्रेटरी ने आईसीजे में कहा कि “पाकिस्तान सैन्य अदालत के निर्णय को रद्द किया जाना चाहिए और मौत की सज़ा को मुक्कमल करने से पाकिस्तान को रोकना चाहिए। जाधव को रिहा किया जाए और भारत तक उसकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। अगर नहीं, तो पूर्ण राजनयिक पंहुच के साथ सामान्य कानून के तहत नागरिक अदालत में कार्रवाई की जाये।”

    वियना संधि का उल्लंघन

    आईसीजे के तीसरी दिन की सुनवाई में दीपक मित्तल ने यूएन से पाकिस्तान द्वारा वियना संधि के उल्लंघन किये जाने, जाधव को उसके अधिकारों से परिचित करने में विफल रहने और कॉन्सुलेर एक्सेस न देने की घोषणा करने का आग्रह किया है। हरीश साल्वे भी आईसीजे के समक्ष आर्टिकल 36 को मानवधिकार के संरक्षण के हथियार के रूप में मान्त्यता देने की बात कह चुके हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आईसीजे द्वारा दी गयी रियायत का गलत फायदा उठा रहा है।

    उन्होंने कहा कि “कुलभूषण जाधव पाकिस्तान को पाकिस्तान औज़ार की तरह इस्तेमाल कर रहा है, ताकि खुद पर चल रही अंतर्राष्ट्रीय जांच को भटका सके। आतंकी वित्तपोषण के कारण पाकिस्तान फाइनेंसियल एक्शन टास्क फाॅर्स के दबाव में हैं। पाकिस्तान ने यूएन द्वारा प्रतिबंधित अल कायदा, लश्कर ए तैयबा और हक्कानी जैसे आतंकी समूहों को पनाह दे रखी है। इस पर पाक के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने भी बयान दिया था।”

    कसाब को कानून के तहत सज़ा हुई

    हरीश साल्वे ने कहा कि “कुलभूषण जाधव के केस  की सुनवाई चार से छह हफ्ते में हो गयी थी, लेकिन मुंबई आतंकी में मारे गए 150 लोगों के इन्साफ का क्या हुआ ? इसमें वह अजमल कसाब के मामले की बात करते हैं। कसाब के मामले में, बहादुर पुलिकर्मियों ने आतंकी समूहों के आतंकियों को रंगे हाथ पकड़ा था, भारत शीर्ष अदालत ने सभी सबूतों को देखा था तब फांसी की सज़ा सुनाई थी, इसे समीक्षा कहते हैं।”

    जाधव की राष्ट्रीयता के बाबत सबूत मुहैया न करने के पाक के दावे पर हरीश साल्वे ने कहा कि “जाधव की गिरफ्तारी के दौरान पाकिस्तान कोकोई शक नहीं था कि वह भारत का बाशिंदा है। पाकिस्तान को पता था कि वह रॉ का कर्मचारी था, जिसके लिए भारतीय नागरिक होना जरुरी है।”

    पाक के पास सबूत नहीं

    उन्होंने कहा कि “पाकिस्तान जाधव की सज़ा से सम्बंधित दस्तावेज आईसीजे या विष के साथ साझा करने के लिए अनिच्छुक है। पाकिस्तान के लिए कोई खतरा नहीं बचेगा यदि वह दस्तावेज भारत के सुपुर्द कर दिए जायेंगे। मुझे संदेह  के समक्ष  सबूत मौजूद भी है। उन्होंने पाकिस्तान के अधिवक्ता द्वारा आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने पर भी आपत्ति जताई है।”

    हरीश साल्वे ने कहा कि “एक समय था जब विश्व पाकिस्तान का सम्मान करता था लेकिन आज उसके खुद के रवैये के कारण दुनिया उसे सम्मान नहीं देती है।” आईसीजे का निर्णय इस साल गर्मियों मे तक आएगा।

    पुलवामा में हुए आतंकी हमले के कारण भारत और पाकिस्तान के मध्य तनाव काफी बढ़ रखे हैं। इस आतंकी हमले को अंजाम पाकिस्तान के समूह जैश ए मोहम्मद ने दिया था। जिसमे सीआरपीएफ के 40 सैनिकों की हत्या हो गयी थी।पाकिस्तान ने आईसीजे से इस मामले को बंद करने की गुजारिश की थी जिसे न्यायिक अदालत ने ठुकरा दिया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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