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    कुलदीप यादव

    आईपीएल और उससे पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक खराब सीरीज के बावजूद कुलदीप यादव विश्वकप के लिए भारतीय टीम में एक महत्वपूर्ण गेंदबाज है। चाइनामैन गेंदबाज ने पिछले दो साल से अपनी गेंदबाजी से विश्व के हर कौने में जलवा बिखेरा है और वह बल्लेबाजो पर हावी रहे है, जिसमें उन्होने दक्षिण-अफ्रीका के खिलाफ भारत को पहली वनडे सीरीज जितवाने में अहम भूमिका निभाई थी। कानपुर के गेंदबाज ने अपनी सफलता का श्रेय कौशल को दिया है, और वह विश्व कप में बल्लेबाजों पर हमला करना जारी रखेंगे।

    चाइनामैन गेंदबाज हमेशा पहली पसंद नहीं होते हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकेट लेने वाले के रूप में भूमिका निभाना आपके लिए कितना मुश्किल था?

    आत्मविश्वास तब आता है जब आप बहुत अभ्यास करते है। मैं इस प्रकार की गेंदबाजी बचपन से करता आ रहा हूं। मुझे हमेशा इस हुनर की कमान मिली थी। मुझे लगता था कि मैं शेन वॉर्न की तरह गेंदबाजी कर रहा हूं। तो इसलिए मैं हमेशा उनकी तरह गेंदबाजी करने की कोशिश करता था, उनकी तरह गेंद को स्विंग करने की कोशिश करता था। मैं कभी डरता नही था चाहे मेरे ओवर में रन जा रहे हो। मुझे लगा कि कुछ भी ऐसा नहीं होना चाहिए जो मुझ पर भारी पड़े, जिससे मुझे डर लगे। लेकिन यह मेरे लिए अच्छी बात भी थी। लेकिन कभी-कभी जब मेरे ओवरो में रन जाते है तो मुझे अच्छा नही लगता। लेकिन मैं जानता हूं कि मैं भी बल्लेबाज को आउट कर सकता हूं। यह एक फायदा है जो मुझे बचपन से था। यही वह कौशल है जो मुझे मिला है।

    टीम प्रबंधन ने आप पर बहुत भरोसा दिखाया है …

    हां बिलकुल। टीम प्रबंधन और सहयोगी स्टाफ ने मेरी संपूर्ण मदद की है। विराट भाई, माही भाई और रोहित भाई ने मुझे खुलकर गेंदबाजी करने की स्वतंत्रता दे रखी है। रवि भाई ने भी। ऐसा कभी नहीं हुआ कि मैं एक चाइनामैन गेंदबाज हूं, असामान्य, इसलिए मुझे गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए। संस्कृति ऐसी नहीं है। वह हर प्रकार के स्पिनरो का समर्थन करते है। इसलिए यह अच्छा लगता है, आपको आत्मविश्वास देता है। एक कप्तान के रुप में विराट भाई आपका समर्थन करते है। इस आजादी से हमारी सफलता भी बढ़ती जा रही है। माही भाई ने बहुत क्रिकेट खेली है और उन्होने खेल को करीब से देखा है और वह पिच और बल्लेबाज के बारे में अनुभव रखते है। यहां तक कि अगर हम 60% हैं, तो वह अन्य 40% बनाता है। वह हमें संपूर्ण बनाते है। कभी-कभी हम नही जानते की बल्लेबाज क्या रणनीति बना रहा है तो वह हमसे बात करते है और हमें बताते है। यह अच्छा है कि वह मेरे डेब्यू के बाद से मेरे साथ है। मैं और युजवेंद्र चहल दोनो भाग्यशाली है।

    चहल के साथ आपकी समझ अहम होगी

    हम प्रदर्शन करने के लिए एक दूसरे का समर्थन करते है। हम एक साथ बहुत समय बिताते है इसलिए हमारे बीच एक अच्छी समझ है। इसलिए, मैदान पर एक दूसरे से बातचीत करना और समझना उतना ही आसान हो जाता है। हम कभी किसी सीरीज या मैच से पहले अपने खेल के बारे में चर्चा नही करते, हम केवल मैच के दौरान थोड़ी बाते करते है। अगर वह पहले गेंदबाजी करता है, तो वह मुझे बताता है कि विकेट कैसा बर्ताव कर रही है। और ऐसी ही जब मैं गेंदबाजी करता हूं तो मैं उनकी मदद करता हूं। माही भाई भी विकेट के पीछे से बहुत मदद करते है।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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