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    अपने बेटे के साथ अमन ठाकुर की तस्वीर

    जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में जैश के आंतकवादियों के साथ मुठभेड़ में डिप्टी एसपी अमन ठाकुर की जान चली गई। मुठभेड़ के दौरान उन्हें गर्दन पर गोली लगी थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाने के दौरान ही उनकी मृत्यु हो गई। इसके साथ ही आर्मी के जवान नायाब सूबेदार सोमवीर जो कि 34 राष्ट्रीय राइफल्स के जवान थे, उन्हें भी मुठभेड़ में गोली लगी।

    रविवार को हुई इस मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकवादियों को भारतीय सेना ने मार गिराया है।

    अधिकारियों के मुताबिक “कुलगाम के तूरीगाम में घेराबंदी व सर्च ऑपरेशन के दौरान यह मुठभेड़ हुई, जिसमें तीन आतंकियों को मार गिराया गया है।”

    इस मुठभेड़ के बाद ही स्थानीय लोगों की ओर से सेना के ऊपर पत्थरबाजी की जाने लगी। मेडिकल सुपरिटेंडेंट जिला अस्पताल के डॉ. जी. एम. भट्ट के अनुसार, “पत्थरबाजी में आठ स्थानीय लोगों को चोट आई है, जिसमें से तीन को श्रीनगर रेफर किया गया है।”

    2011 बैच के ठाकुर को बतौर डिप्टी एसपी कुलगाम में बहाल किया गया था। पिछले दो सालों में उन्होंने कश्मीर के दक्षिणी भाग में तमाम आतंकी हमलों के खिलाफ सर्च व मुठभेड़ में अपनी भागीदारी दी। वे जम्मू को गोगला गांव के रहने वाले थे। उनके परिवार में माता-पिता, उनकी पत्नी व एक छ: वर्षीय बेटा है। बीते माह ही उन्हें अद्मय साहस और वीरता के लिए सम्मानित किया गया था।

    जम्मू-कश्मीर डीजीपी दिलबाग सिंह ने इसे बड़ी क्षति कहा है। उनके अनुसार सैनिकों ने एक साहसी अफसर खो दिया है।

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