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    शाह महमूद कुरैशीPakistan's new Foreign Minister Shah Mehmood Qureshi listens during a news conference at the Foreign Ministry in Islamabad, Pakistan August 20, 2018. REUTERS/Faisal Mahmood

    भरा के मुताबिक, इस्लामाबाद और नई दिल्ली के बीच कश्मीर द्विपक्षीय मुद्दा है। स्वीडन ने दोनों देशो से कश्मीर मामले का हल निकालने के लिए कूटनीतिक माध्यमो के जरिये बातचीत करने का आग्रह किया है। स्वीडन के विदेश मंत्री मर्गोत वाल्लस्त्रोम ने पाकिस्तानी प्रधानमन्त्री शाह महमूद कुरैशी के साथ फ़ोन पर बातचीत के दौरान यह बयान दिया है।

    उन्होंने ट्वीट कर कहा कि “जम्मू कश्मीर में हालात चिंताजनक है। आज पाकिस्तानी विदेश मंत्री के साथ फ़ोन पर बातचीत के दौरान मैंने जोर दिया कि स्वीडन सहित ईयू कश्मीर पर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय राजनीतिक समाधान का समर्थन करता है। कूटनीतिक माध्यम के जरिये बातचीत जरुरी है।”

    भारत ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने का निर्णय लिया था और पाक ने इससे बौखलाकर इसमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय को शामिल करने के प्रयासों में जुटा हुआ है।

    भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से स्पष्ट कह दिया है कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना भारत सरकार का आन्तरिक मामला है। फ्रांस के विदेश मंत्री ने भी वुरेशी से इस मामले पर भारत के साथ बातचीत शुरू करने की हिदायत दी थी।

    इस्लामिक सहयोग संघठन के चार सदस्य देशो मालदीव, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और यूएई ने कह्स्मिर को भारत का आंतरिक मामला करार दिया है। पाकिस्तान ने कहा है कि वश इस मामले के लिए अंतरराष्ट्रीय न्यायिक अदालत के दरवाजे को खटखटायेगा।

    कुरैशी ने कहा कि “हमने निर्णय लिया है कि कश्मीर मामले को हम अंतरराष्ट्रीय न्यायिक अदालत में लेकर जायेंगे।”विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि फ्रांस ने सभी पक्षों से संयमता बरतने, तनाव कम करने और हालातो को सामान्य करने की मांग की है। असी कार्यो को न करने की गुजारिश की है जो तनाव को भड़का दे।

    पाक ने बीते हफ्ते विदेश मंत्री को चीन की यात्रा पर भेजा था ताकि उनकी मदद से यूएन की एक तत्काल बैठक को बुलाया जा सके। यूएन की बैठक में पांच में से चार सदस्य देशो ने पाकिस्तान के पक्ष का समर्थन नहीं किया था और इससे बैठक में चीन और पाकिस्तान अलग थलग पड़ गए थे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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