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    पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सोमवार को आरोप लगाया कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भारत द्वारा संघर्षविराम की घटनाएं बढ़ी हैं और एलओसी पर भारतीय सेना की ‘अस्वाभाविक गतिविधियां’ शांति के लिए खतरा बन सकती हैं।

    कुरैशी ने भारत के अंदरूनी मामलों में सीधे दखल देने वाले एक बयान में कहा है, “मोदी सरकार के कदमों से भारत में तनाव चरम पर है। भारत में कोई भी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को रद्द करने और नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। इस कानून (सीएए) को लागू करने के लिए पूरी दुनिया में भारत सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं।”

    उन्होंने कहा कि ‘जो लोग यह सोचते हैं कि भारत सरकार ने धर्मनिरपेक्ष भारत के विचार को दफन कर दिया है और वह हिंदू राष्ट्र और हिंदुत्व की विचारधारा थोप रही है, वे सभी इन प्रदर्शनों में भाग ले रहे हैं।’

    कुरैशी ने ‘एलओसी पर आक्रामकता’ का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि ‘भारत द्वारा एलओसी पर संघर्षविराम उल्लंघन की घटनाएं बढ़ी हैं। उसने सीमा पर लगी बाड़ को कई जगह से काट दिया है। भारतीय सेना की अस्वाभाविक गतिविधियां नजर आ रही हैं। खुफिया संस्थाओं ने सीमा पर नई हलचल रिपोर्ट की है। यह क्षेत्रीय शांति के लिए खतरनाक है।’

    कुरैशी ने कहा कि ‘यह सभी कुछ भारत में जारी प्रदर्शनों पर पर्दा डालने की कोशिश है जो सफल नहीं होगी।’

    उन्होंने कहा, “दुनिया जानती है कि मोदी सरकार क्या कर रही है। खामोश रहने वालों को मैं बताना चाहता हूं कि यह खामोशी घातक है। यह खामोशी पूरे क्षेत्र को खतरे में डाल सकती है। जब दो एटमी ताकतें आमने-सामने हों तो बात एक क्षेत्र तक ही नहीं रह जाएगी। बात दूर तक जाएगी और इसका असर वैश्विक स्तर पर होगा।”

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