सोमवार को भारतीय जनता पार्टी की तरफ से अरुण जेटली ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारवामी पर कसा तंज़। 2 माह पूर्व बने मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी अभी थोड़े दिन पहले हुई अपनी पार्टी मीटिंग में भावुक हो गए एवं रो पड़े। इसी के बाद भारतीय जनता पार्टी द्वारा उनकी चुटकी ली जा रही हैं।
सोमवार अरुण जेटली ने अपने एक ब्लॉग में कहा कि ‘आदरणीय मुख्यमंत्री (कुमारस्वामी) के बयान को सुनकर मुझे हिंदी सिनेमा में ट्रैजडी जमाने के डायलॉग याद आ गए। अगर यह दो पार्टियों के गठजोड़ का नतीजा हैं, तो उस गठजोड़ के बारे में क्या कहेंगे जो बिना वैचारिक समानता वाली पार्टियां एक-दूसरे से करती हैं’।
अभी थोड़े दिन पहले ही कुमारस्वामी अपनी पार्टी मीटिंग में रो पड़े थे। उन्होंने अपने ब्यान में कहा कि आप लोग काफी खुश हैं कि आपका एक भाई मुख्यमंत्री बना हैं। आप खुश हो सकते हैं लेकिन मैं नहीं हूं। मैं गठबंधन वाली सरकार का दर्द समझता हूं। मैं विषकांत (भगवान) बन गया और गठबंधन सरकार बनाने का सारा विष पी गया. उन्होंने कहा कि मैं जनता हूं कि जनता ने मुझे नहीं चुना क्योंकि उन्हें मुझ पर भरोसा नहीं था मैं जनादेश का सम्मान करता हूं।
जब से जनता दल (सेक्युलर) और कांग्रेस का गठबंधन हुआ हैं तभी से भाजपा इस गठबंधन को लेकर सवाल एवं टिप्पणी करती रही है। अरुण जेटली ने अपने ब्यान में आगे कहा ये महज़ एक अवसरवादी गठबंधन हैं। जिसका मुख्य ऐजेंडा मात्र मोदी एवं भाजपा को कर्नाटक में सरकार बनाने से रोकना था। इसके बाद उन्होंने कहा कि ‘उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चौधरी चरण सिंह, चंद्रशेखर, एचडी देवेगौड़ा और आईके गुजराल के साथ जो किया हैं, यह (कर्नाटक का गठबंधन) उसी परंपरा का दोहराव हैं’। अब देखना यह दिलचस्प होगा की कांग्रेस किस तरीके से भाजपा के इन तंज़ का उत्तर देती हैं।