पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव नज़दीक हैं। तृणमूल कांग्रेस को धीरे-धीरे अपने हाथ से जीत खिसकती हुई दिख रही है। बीजेपी के बड़े दिग्गज नेताओं के दौरों ने बंगाल के राजनीतिक समीकरण को तृणमूल कांग्रेस के लिए लगभग बिगाड़ ही दिया है। वहीं आज ही पश्चिम बंगाल के खेल मंत्री ने भी सरकार को इस्तीफ़ा सौंप दिया है। इन सब घटनाओं से ममता बनर्जी का अपनी जीत के प्रति अनिश्चित होना लाज़मी है। ऐसे में उन्होंने आज एक बड़ा ऐलान किया है।
देश में कृषि आंदोलन की आग दिन-ब-दिन तेज हो रही है। इसी बीच किसानों को साधने और प्रदेश में अपनी साख को थोड़ा और बेहतर बनाने के लिए ममता बनर्जी ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ सीधे किसानों को पहुंचाने के लिए सहमति जता दी है। इससे पहले केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित इस योजना में तृणमूल कांग्रेस रोड़ा अटका रही थी।
पहले राज्य सरकार ने यह शर्त रखी थी की निधि का पैसा सीधे किसानों के अकाउंट में ना जाकर पहले राज्य सरकार के पास आएगा, उसके बाद किसानों को आवंटित होगा। लेकिन इस बात पर केंद्र सरकार नहीं मानी। हालांकि अब ममता बनर्जी अपने इस रवैया पर नरम पड़ी हैं और उन्होंने यह शर्त वापस ले ली है।
कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री ने किसानों को संबोधित करते हुए भी कहा था कि पश्चिम बंगाल के किसानों को आंतरिक राजनीति की वजह से किसान सम्मान निधि का लाभ नहीं मिल पाया। उस वक्त उन्होंने लाभार्थी किसानों के खाते में एक क्लिक के द्वारा पैसे भेज दिए थे। हालांकि अब ममता सरकार इस आरोप से खुद को साफ करने के लिए इस मोर्चे पर आगे आ गई है। अब जल्द ही किसानों का पंजीकरण करवाया जायेगा और किसानों को इस योजना का सीधा लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत हर साल किसानों के खाते में ₹6000 जमा किए जाते हैं।