आज यानी शुक्रवार को अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के किसानों को संबोधित किया। बीते लगभग 30 दिन से किसानों का आंदोलन चल रहा है और किसानों ने दिल्ली के लगभग सभी बड़े बॉर्डरों को बंद किया हुआ है। किसानों की मांग है कि नये कृषि बिल को वापस लिया जाये जबकि सरकार का कहना है कि वह बिल में संशोधन के लिये तैयार है। दोनों में से कोई भी पक्ष पीछे हटने को तैयार नहीं है। ऐसे में किसी समाधान का विकल्प नजर नहीं आ रहा है।
आज प्रधानमंत्री ने देश के किसानों से बात की। प्रधानमंत्री ने इसी बीच किसान सम्मान निधि की राशी भी 9 करोड़ से अधिक किसानों के खाते में सीधे ट्रांसफ़र की। प्रधानमंत्री ने संबोधन में कहा कि इस बिल से किसानों को बहुत से अधिकार मिलेंगे। किसानों को उनका हक दिलाना सरकार का लक्ष्य है। सरकार की मंशा है कि किसानों की फसल पर लागत कम हो। आज करोड़ों किसानों को सरकार की विभिन्न नीतियों का फायदा मिल रहा है।
प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि इस बिल में कुछ भी गलत नहीं है। विपक्ष किसानों को भड़का रहा है। किसानों में भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं। MSP और मंड़ी पर खूब अफवाहें फैल गयी हैं। किसानों को सरकार के प्रति गुमराह किया जा रहा है। लेकिन हमारा मकसद किसानों को ज्यादा से ज्यादा अवसर उपलब्ध करवाना है। इस बिल में किसानों के लिये नये अवसर व नये विकल्प हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसान जहां चाहे वहां अपनी फसल बेच सकता है। किसानों को बहुत सी सुविधायें मिलेंगी। इस बिल के बाद किसानों के पास बहुत से विकल्प होंगे। प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि वे किसी के भरोसे पर आंच नहीं आने देंगे और किसानों के हित के लिये प्रतिबद्ध रहेंगे। किसानों का हित उनकी प्राथमिकता होगा।