Fri. Dec 27th, 2024

    दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन हुए हिंसात्मक आंदोलन में अब किसान नेताओं पर नकेल कसी जा रही है। किसान नेताओं ने वादा किया था कि 26 जनवरी को आयोजित होने वाली ट्रैक्टर रैली में कोई हिंसा नहीं होगी और शांतिपूर्ण तरीके से तय रूट पर ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी। लेकिन इसके बावजूद भी कुछ लोगों ने लाल किले को घेरा और वहां उपद्रव किया। साथ ही राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा को भी ठेस पहुंचाई।

    इस वाकिए को लेकर जनता में किसान नेताओं के प्रति आक्रोश था। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी आवाज उठाई जा रही थी कि किसानों को भड़काने वाले नेताओं पर पहले कार्यवाही की जाए। इस के बाद अब खबर आ रही है कि किसान नेताओं पर एफआईआर दर्ज कर दी गई है। किसानों के प्रमुख नेता राकेश टिकैत, दर्शन पाल सिंह, जोगिंदर सिंह, बूटा सिंह समेत कई नेताओं पर एफआईआर हुई है।

    पुलिस ने एफआई का आधार नियमों का उल्लंघन करना बताया है। दिल्ली पुलिस का बयान है कि इन नेताओं पर कानून तोड़ने और लोगों को भड़काने का आरोप है। राकेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता हैं और भारतीय किसान यूनियन ने बयान दिया था कि यूनियन दिल्ली में हुई हिंसा की निंदा करती है और संघर्षरत् किसानों से शांति की अपील करती है।

    साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि किसान आंदोलन को नुकसान पहुंचाने की साजिश की जा रही है। संयुक्त किसान मोर्चा का बयान आया है कि दिल्ली में हुई हिंसा से मोर्चे का कोई संबंध नहीं है और 1 फरवरी से वे पैदल यात्रा की तैयारी भी करने वाले हैं। बजट पेश होने से पहले वे आंदोलन स्थल से पैदल मार्च कर संसद भवन तक जाएंगे और यह मार्च तय कार्यक्रम के अनुसार ही होगा। लेकिन यदि इसी बीच किसानों की गिरफ्तारी होती है तो उम्मीद है कि यह मार्च टल सकता है।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *