किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे होने के उपलक्ष्य में आज किसानों ने दिल्ली के प्रमुख एक्स्प्रेस वे पर नाकेबंदी की घोषणा की है। किसान आंदोलन को चलते हुए लगातार 100 दिन पूरे हो चुके हैं और इसी बीच किसानों ने नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के प्रमुख हाईवे को जाम करके अपना विरोध दर्ज किया है। केएमपी एक्सप्रेसवे पर नाकाबंदी जारी है। कुंडली मानसरोवर पलवल एक्सप्रेसवे पर आज 5 घंटे की नाकाबंदी की जाएगी।
साथ ही साथ आज के दिन को किसानों द्वारा काला दिवस के रूप में भी मनाया जाने वाला है। कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए किसानों ने आज सुबह 11:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक चक्का जाम की घोषणा की है। किसानों ने घोषणा की है कि किसी भी वाहन को इस एक्सप्रेस वे से जाने नहीं दिया जाएगा। साथ ही नोएडा, बागपत, दादरी आदि के बॉर्डर भी जाम किए जाने वाले हैं।
वहीं किसान काली पट्टी बांधकर और टोल प्लाजा फ्री करके अपना विरोध दर्ज कराएंगे। स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव का कहना है कि किसान एक बार फिर से एकजुट हो चुके हैं और इस आंदोलन से सरकार को सीख लेनी चाहिए कि वे किसानों से पंगा ना लें। किसानों के चक्का जाम के चलते आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है। एक्स्प्रेस वे पर नाकाबंदी के बाद लोग पास के गांवों की गलियों का सहारा ले रहे हैं। रास्ते में पुलिस की टीमें तैनात हैं और लोग अपने कार्यस्थल पर जाने के लिए भी काफी जद्दोजहद कर रहे हैं। बॉर्डर पार करने में लोगों को काफी समस्या हो रही है और इसके बाद जो वैकल्पिक रास्ते मिल रहे हैं उन्हें पार करने के लिए भी काफी समय लग रहा है।
आंदोलन के चलते सामान्य लोगों को काफी परेशानी हो रही है। वही विपक्ष के नेताओं के लिए यह एक राजनीति चमकाने का सुनहरा मौका साबित हो रहा है। दिल्ली के सभी बॉर्डरों पर हालात सामान्य नहीं हैं। किसान नेताओं ने घोषणा की है कि आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा। अभी तक इस आंदोलन में कोई हिंसा देखी नहीं गई है।
इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए पंजाब के कई इलाकों से किसान दिल्ली बॉर्डर पर आए हैं। आंदोलन और चक्का जाम के चलते प्रशासन ने रूट डायवर्जन किया है लेकिन फिर भी डाइवर्ट रूटों पर काफी लंबा जाम लग रहा है। उम्मीद की जा रही है कि प्रदर्शन जल्दी ही तेज हो सकता है। गणतंत्र दिवस की हिंसा के बाद सो प्रदर्शन थोड़ा धीमा पड़ गया था लेकिन अब फिर से किसान एकजुट होते नजर आ रहे हैं। किसान नेता राकेश टिकैत, दर्शन पाल सिंह समेत और भी कई नेता इस आंदोलन के चलते सरकार पर काफी आक्रामक रवैया अपना रहे हैं।
किसानी नेता दर्शन पाल सिंह का कहना है कि आज के चक्का जाम और किसान आंदोलन के 100 दिन होने के बाद सरकार पर नैतिक दबाव पड़ेगा और सरकार को अपने फैसले से पीछे हटना होगा। किसान चाहते हैं कि सरकार नए कृषि कानून को वापस ले ले, लेकिन सरकार इन में संशोधन को लेकर अड़ी है।