उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा है कि देश में कृषि ऋण पर दी जा रही छूट कृषि क्षेत्र में व्याप्त समस्या का हल नहीं है, बल्कि इसके लिए दीर्घकालिक प्लान की आवश्यकता होगी।
उपराष्ट्रपति का यह कॉंग्रेस द्वारा के एक बयान में की गयी घोषणा के बाद आया है। कॉंग्रेस ने बयान दिया था कि वह सत्ता में आते ही किसानों द्वारा लिए गए सारे ऋण माफ कर देगी।
इसी के साथ वेंकैया नायडू ने कहा कि नीति आयोग को कृषि व जलवायु परिवर्तन जैसी समस्या पर ध्यान देना चाहिए। इसी के साथ नायडू ने कहा कि देश में चुनावों में लोकप्रियता को लेकर मचे कोलाहल से किसी भी समस्या का हल नहीं निकलने वाला है।
वेंकैया नायडू ने व्यवस्था पर भी सवाल उठाते हुए पूछा कि “जो भी बैंक किसानों को लोन देती हैं, क्या वो उनके वापस पाने के लिए सजग रहती है? मेरा मानना है कि दीर्घकालिक नीतियाँ बनाई जाएँ। इसी के साथ देश के किसानों, वैज्ञानिकों और नीति निर्माताओं को भी इस मुद्दे पर सोंचना होगा।”
इसी के पहले देश के प्रधानमंत्री वर्ष 2022 तक देश में किसानों की आय को दोगुना करने का वादा कर चुके हैं। विशेषज्ञों के अनुसार इस लक्ष्य को समय रहते पा लेने के लिए सरकार के पास एक बेहद संतुलित नीति का होना अति आवश्यक है।
इसी के चलते कृषि क्षेत्र में सस्ते बीज, कम दामों में उपकरण व किसानों को लागत कैसे कम रखनी है इसके लिए भी उन्हे तैयार किया जाये।