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    किसान आंदोलन आज आक्रामक रूप से बेकाबू हुआ। किसानों ने पहले ही तय किया था कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी। आज पुलिस की इजाज़त मिलने के बाद उन्होंने ट्रैक्टर रैली तो निकाली, लेकिन जो रूट उन्हें दिया गया था उस रूट से बिल्कुल की विपरीत दिशा में रैली निकाली गई। इसी बीच पुलिस पर किसानों की भीड़ ने जमकर पथराव किया। तलवारें लहराई गई और उसके बाद एक शख्स ने लाल किले के प्राचीर में घुस कर तिरंगे के पोल पर निशान साहिब और किसान संगठन का झंडा लहरा दिया।

    किसानों ने तय वक्त से पहले ही ट्रैक्टर रैली निकाली। बीच बीच में तलवारों, फरसे, लाठी – डंडों के साथ किसानों की तस्वीरें सामने आईं। उसके बाद किसानों ने सड़कों पर ट्रैक्टरों के घुमाया। इसी बीच ट्रैक्टर पलटने से एक व्यक्ति की जान चली गई।

    इसके बाद आंदोलन और उग्र हुआ और एक व्यक्ति लाल किले की प्राचीर पर चढ़ा और जिस पोल पर 15 अगस्त के दिन देश का राष्ट्रीय ध्वज लहराया जाता है उस पर निशान साहिब और आंदोलन में शामिल किसान संगठनों का झंडा लहरा दिया। उसके बाद एक पुलिस वाले ने उस झंडे को हटाने की कोशिश भी की लेकिन किसानों ने शोर मचा कर उसे ऐसा करने से रोक दिया।

    आंदोलन में जमकर हिंसा और पत्थरबाजी हुई। इसके बाद दिल्ली के कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। वही किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि उन्हें इस बारे में कोई खबर नहीं है। उनका कहना है कि आंदोलन में बाहरी तत्व शामिल हो चुके हैं और इसके लिए वे जिम्मेदार नहीं हैं। आंदोलन का यह उग्र रूप लोकतंत्र के महोत्सव के दिन होना दुर्भाग्यपूर्ण है। किसानों ने मीडिया पर भी हमला किया। बहुत से निजी मीडिया चैनलों के पत्रकारों कुछ चोटें आई हैं और मीडिया की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा है। अब खबर आ रही है कि किसान आंदोलनकारी लाल किले का प्राचीर खाली करके वापस जा रहे हैं।

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