आज दिल्ली की सीमाओं को घेरकर बैठे किसानों को आन्दोलन करते हुए 15 दिन हो चुके हैं। बुधवार को हुई किसानों और सरकार के बीच की बैठक बेनतीजा रही। सरकार ने कानून में संशोधन की बात को माना लेकिन किसानों की तरफ से ये प्रस्ताव खारिज कर दिया गया। किसान पूरे के पूरे कानून को वापस लेने की बात कह रहे हैं। किसानों ने बिना कानून वापस किये और न्यून्यतम समर्थन मूल्य की लिखित गारन्टी के धरने से न उठने का निर्णय किया है, वहीं सरकार संशोधन पर अड़ी है।
किसान सरकार के सभी प्रस्ताव ठुकरा चुके हैं। केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर आज किसानों से धरना खत्म करने की अपील करने वाले हैं। आन्दोलन दिन ब दिन तेज होता जा रहा है जहां दोनों पक्षों में सहमती बनती नजर नहीं आ रही है। किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि सरकार जो प्रस्ताव लाई है उसमें बिल वापसी की बात नहीं है । किसान आन्दोलन को लेकर गम्भीर होते जा रहे हैं। किसान सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि सरकार बड़े व्यापारियों के इशारों पर काम कर रही है। सरकार की मंशा नहीं है कि आन्दोलन का कोई नतीजा निकले। साथ ही आन्दोलन लम्बा चले और कमजोर पड़ जाये।
इसी बीच किसान दिल्ली की सड़कों को बन्द करवाने का ऐलान भी कर चुके हैं। किसान देशभर के हाईवे घेरने की बात भी कहते दिख रहे हैं। गौरतलब है कि सरकार और किसानों के बीच 6 बार बातचीत हो चुकी है और अभी तक कोई सार्थक नतीजा नहीं निकला है।