Sun. Oct 6th, 2024

    किसान आंदोलन में गणतंत्र दिवस के दौरान हुई हिंसा के बाद आंदोलन कमजोर पड़ता दिख रहा था, लेकिन अब फिर से एक बार आंदोलन के उग्र होने की संभावना जताई जा रही है। राकेश टिकैत को पुलिस ने हिरासत में लेने की कोशिश की थी लेकिन उन्होंने गिरफ्तारी नहीं दी। उसके बाद पुलिस वाले वापस लौट गए। इसी बीच राकेश टिकैत का एक बयान सामने आया जिसमें वे रोते हुए अपना दुख दुख जाहिर कर रहे थे। इस बयान के बाद जाट समाज और किसानों के बीच संवेदनाएं जागृत हुई और उन्होंने आंदोलन को एक बार फिर धार देने की कोशिश की है।

    राकेश टिकैत के तेवर अब बदले बदले नजर आ रहे हैं। पहले जहां वे आक्रामक रवैया दिखा रहे थे, अब वे बातचीत से समाधान निकालने के रास्ते पर राजी हो गए हैं। हालांकि राकेश टिकैत का कहना है कि धरना जारी रहेगा। गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन लगभग खत्म होने को था, लेकिन अब दोबारा वहां पर आंदोलन जारी रहने वाला है। हालांकि बहुत से किसान आंदोलन छोड़ कर जा चुके हैं। साथ ही किसान नेताओं को क्राइम ब्रांच में पेशी के लिए बुलाया गया है।

    संभावना जताई जा रही है कि किसां दोबारा बॉर्डर पर जमा हो रहे हैं और धीरे-धीरे और भी किसानों के साथ शामिल होने वाले हैं। वहीं रालोद के नेता जयंत चौधरी ने भी इस आंदोलन को अपना खुलकर समर्थन दिया है। इसी बीच आम आदमी पार्टी ने भी इस आंदोलन में अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने का काम दोबारा से शुरू कर दिया है।

    अरविंद केजरीवाल ने कहा है दिल्ली हिंसा में जो भी लोग शामिल थे या जिस भी राजनीतिक दल ने ये करवाया था उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए। मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर प्रहार किया है और उन्होंने ट्विटर पर सरकार को इस मामले में घेरा है। आज मनीष सिसोदिया गाजीपुर बॉर्डर जाने वाले हैं। मनीष सिसोदिया का कहना है कि राकेश टिकैत और केजरीवाल के बीच बातचीत शुरू हुई है और किसानों के लिए पीने के पानी आदि की व्यवस्था दिल्ली सरकार करवाने वाली है।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *