दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल और बंगाल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बाद अब पुडुचेरी के सीएम वी. नारायणास्वामी धरने पर बैठ गए हैं। मुख्यमंत्री वहां की गवर्नर किरण बेदी से खफा है। सीएम का आरोप है कि गवर्नर किरण बेदी संविधान के नियमों के तहत काम नहीं कर रही हैं साथ ही वे सरकार के कारोबार अधिनियम 1963 को भी नहीं मान रही हैं। इसपर विरोध जताते हुए मंत्रीजी ने अपने विधायकों के साथ राज निवास के बाहर डेरा डाल दिया हैै।
गुरुवार को प्रदर्शन करने के लिए सीएम अपने मंत्रिमंडल, विधायकों के साथ एक दिन पहले यानी बुधवार की रात को राज निवास के बाहर ही सो गए।
काले रंग की कमीज और धोती पहनकर धरने पर बैठे नारायणास्वामी का आरोप है कि गवर्नर राज्य सरकार की बातों को अनदेखा कर रही है। जनता द्वारा चुने सरकार के फैसलों में अड़चन पैदा कर रही है और राज्य की तमाम योजनाओं व विकास कार्यों में हस्तक्षेप कर रही है। वह यह नहीं सहेंगे। उन्होंने कहा कि ‘किरण बेदी ने राज्य सरकार द्वारा शुरु किए जाने वाले ‘मुफ्त चावल योजना’ को खारिज कर दिया और फाइल लौटा दी। वे कौन होती हैं ऐसा करने वाली?’
Dharna against the @LGov_Puducherry is continuing. Sleeping infront of Raj Nivas #Puducherry along with our Ministers & MLAs. pic.twitter.com/xGREfihaSf
— V.Narayanasamy (@VNarayanasami) February 13, 2019
जवाब में किरण बेदी ने सीएम नारायणास्वामी को एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने आग्रह किया है कि मंत्रीजी 21 फरवरी को सुबह 10 बजे राज निवास आएं और फिर इस मसले पर विस्तृत चर्चा करें। बिना उनका जवाब सुने मंत्रीजी धरने पर बैठ गए इस हरकत की उन्होंने कड़ी निंदा की और इसे कानून व्यवस्था के खिलाफ बताया। किरण बेदी ने कहा कि ‘एक राज्य के मुख्यमंत्री को यह सब शोभा नहीं देता है।’
बेदी ने यह भी कहा कि ‘7 फरवरी को नारायणास्वामी ने पत्र में जो बातें लिखी थी, उन्हें जांचने के बाद जवाब देने की जरुरत है।’ उन्होंने बताया कि ‘नारायणास्वामी जो लापरवाही का आरोप
#Puducherry pic.twitter.com/0AlGOAVf0W
— V.Narayanasamy (@VNarayanasami) February 13, 2019
लगा रहे हैं वो पूरी तरह से झूठा है। सीएम को पत्र का जवाब मिलने तक इंतजार करना चाहिए था, लेकिन वे अपने विधायकों व मंत्रिमंडल के साथ धरने पर बैठ गए हैं। बाद में सूत्रों से उन्हें पता चला कि 7 फरवरी के पत्र का जवाब न मिलने के कारण वे धरने पर हैं।’
नारायणास्वामी ने 7 फरवरी को एक पत्र लिखा था कि ‘जिसमें राज्य के लिए 36 चार्टर की मांग की गई थी। उन्होंने कहा कि उन्हें लेफ्टिनेंट गवर्नर की ओर से इसका कोई जवाब नहीं मिला। गवर्नर राज्य के विकास कार्यों में सहयोग नहीं कर रही हैं। ऐसे में केंद्र शासित प्रदेश का विकाय नहीं हो पाएगा।’ नारायणास्वामी ने कहा कि ‘उनकी ओर से गवर्नर को कई बार उनके रवैए को ठीक करने के लिए पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन वे शायद सुधार करना ही नहीं चाहती।’
प्रदेश में हेलमेट को लेकर लागू किए गए नियम के कारण वे किरण बेदी की आलोचना भी करते है। उनका मानना है कि डीजीपी को प्रदेश की जनता को हेलमेट की उपयोगिता बताते हुए एक निश्चित तरीके से हेलमेट पहनने का नियम लागू करना चाहिए था। कांग्रेस समेत डीएमके के विधायक भी इस धरने में शामिल रहे।