उत्तर कोरिया (north korea) के नेता किम जोंग उन (kim jong un) और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (xi jinping) महत्वपूर्ण मामलो पर आम सहमति पर पहुंच गए हैं और बाहरी हालातो से बेफिक्र होकर दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ाने के लिए रज़ामंद है। उत्तर कोरिया की मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है।
दो दिनों की यात्रा के बाद शी जिनपिंग उत्तर कोरिया की राजधानी से रवाना हो गए थे। 14 वर्षों में चीनी नेता की यह पहली यात्रा थी। स्टेट की न्यूज़ एजेंसी केसीएनए ने शनिवार को इस यात्रा के परिणामो को जारी किया है। उत्तर कोरिया का महत्वपूर्ण साझेदार चीन है और शी की यात्रा का मकसद उत्तर कोरिया को राज़ी करना था कि वह अमेरिका से बातचीत बहाल करे।
उत्तर कोरिया पर उसके परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम के लिए संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबन्ध थोप रखे हैं और अमेरिका के साथ परमाणु निरस्त्रीकरण वार्ता ठप पड़ी हुई है। डोनाल्ड ट्रम्प और शी जिनपिंग एक सप्ताह बाद जापान के ओसाका में जी 20 के सम्मेलन में मुलाकात करेंगे।
केसीएनए की रिपोर्ट के मुताबिक, शी की यात्रा के आखिर दिन नेताओं ने सहयोग को मज़बूत करने की योजना पर चर्चा की और उनके देशों की प्रमुख आंतरिक और बाहरी नीतियों के बाबत चर्चा की। साथ ही घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मामलो पर संयुक्त चिंता पर अपने विचारों को साझा किया था।
चाइना डेली में शनिवार को प्रकाशित एक लेख में आगाह किया गया था कि शी की पियोंगयांग की छोटी से यात्रा क्षेत्र की सभी समस्याओं का संधान नहीं कर सकती है बल्कि उन्हें उत्तर कोरियाई अर्थव्यवस्था को विकसित करने में मदद का संकल्प लेना चाहिए था।
इसके मुताबिक “शायद विश्व उम्मीद कर सकता है कि चीनी नेता के पास जादुई छड़ी है और उनके छूने से पत्थर सोना बन जायेगा लेकिन यह अभी काल्पनिक ही है कि शी की दो दिवसीय यात्रा पेनिनसुला की सभी समस्याओं को समाप्त कर देगी भले ही बीजिंग पियोंगयांग का हमेशा विश्वसनीय और विचारधीन साझेदार क्यों न रहा हो।”