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    उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन

    दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन ने कहा कि उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग का दौरे की संभावना है। उन्होंने कहा कि इस यात्रा के उत्तर कोरिया और अमेरिका के रिश्तों में सुधार होगा। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने न्यूजीलैंड में पत्रकारों से मुखातिब होकर किम जोंग उन की दक्षिण कोरिया की यात्रा की संभावना को बताया था।

    बीते जून में सिंगापुर में किम जोंग उन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ऐतिहासिक मुलाकात हुई थी। मून जे इन ने कहा कि यह पहली बार होगा कि उत्तर कोरिया का कोई नेता दक्षिण कोरिया की सरजमीं पर कदम रखेगा हालांकि इसके लिए अभी कोई समय निश्चित नहीं किया गया है लेकिन यह यात्रा अर्थपूर्ण होगी।

    उन्होंने कहा कि यह यात्रा पेनिन्सुला में पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण को गति प्रदान करेगी और इसके परिणाम में अमेरिका और उत्तर कोरिया के मध्य रिश्तों में सुधार होगा। उत्तर कोरिया और अमेरिका के मध्य संबंधों को दुरुस्त करने में दक्षिण कोरिया एक महत्वपूर्ण किरदार निभा रहा है।

    बीते माह जून में सिंगापुर शिखर वार्ता के दौरान डोनाल्ड ट्रम्प और किम जोंग उन ने परमाणु निरस्त्रीकरण पर सहमति जताई थी। इस वक्त एटमी हथियार और बैलेस्टिक मिसाइलों के अलावा आधुनिक हाईटेक हथियारों का परीक्षण किया था। उत्तर कोरिया ने अमेरिका को चेतावनी दी थी कि अगर प्रतिबंध नहीं हटाये गए तो दोबारा पियोंगयांग परमाणु परीक्षण की राह ओर अग्रसर हो जाएगा। उत्तर कोरिया ने कहा था कि अगर वो (अमेरिका) हमारी नहीं सुनेगा, तो वह राजनीति दबाव झेलेगा।

    अमेरिका के प्रतिबन्ध नहीं हटाने से उत्तर कोरिया खासा नाराज है और दोबारा परमाणु कार्यक्रम को शुरू करने की धमकी दी थी। हालांकि डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को कहा कि वह आगामी वर्ष जनवरी या फरवरी में किम जोंग से मुलाकात करेंगे।

    मून जे इन ने न्यूजीलैंड के प्रधानमन्त्री जसिन्दा अर्देर्न से कोरियाई पेनिन्सुला में किस प्रकार परमाणु निरस्त्रीकरण को अंजाम देने के बाबत चर्चा की थी। न्यूजीलैंडके प्रधानमन्त्री ने कहा कि परमाणु निरस्त्रीकरण पर उनका मत स्पष्ट है और उन्हें उम्मीद है कि साल 2019 तक उत्तर कोरिया में परमाणु निरस्त्रीकरण का कार्य संभव हो जायेगा।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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